अमरकोट। पंजाब का सीमा क्षेत्र अमरकोट सेक्टर पाकिस्तानी तस्करों और घुसपैठियों के लिए बेहद मुफीद बन गया है। यहां से पाकिस्तान की ओर से लगातार घुसपैठ होती रही है। इस क्षेत्र से होकर पाकिस्तान की ओर से हथियार, हेरोइन व जाली करंसी भारतीय सीमा में भेजने का सिलसिला जारी है।
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इसी सेक्टर से पिछले साल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने ड्रोन के जरिए हथियार और हेरोइन भेजी थी। बॉर्डर पर कंटीली तार लगने से पहले घोड़ों के माध्यम से सोने के बिस्कुट और अफीम की तस्करी के लिए भी इसी सेक्टर का इस्तेमाल किया जाता था।
पंजाब में जब आतंकवाद चरम पर था तो बॉर्डर पर कंटीली तार लगाई गई थी। यह काम 1989-90 में मुकम्मल हुआ। प्रदेश में आतंकवाद तो खत्म हो गया, लेकिन नशे और जाली करंसी की स्मगलिंग चलती रही।
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1990 में जब कंटीली तार लगी तो जीरो लाइन के पार वाली भारतीय क्षेत्र की उपजाऊ जमीन पर खेती करने वाले किसानों पर कड़ा पहरा बिठा दिया गया। कुछ किसानों ने खेती के बहाने पड़ोसी मुल्क से मिलकर नशीले पदार्थ, जाली करंसी और हथियारों की स्मगलिंग शुरू कर दी। जीरो लाइन पर (भारतीय क्षेत्र में) 11 फुट का रास्ता गश्त के लिए रखा गया है।