उत्तर प्रदेश में एंबुलेंस कर्मियों ने रविवार रात 12:00 बजे से 108 और 102 एंबुलेंस सेवा ठप कर दी। इससे प्रदेश भर की करीब ढाई हजार से अधिक एंबुलेंस खड़ी हो गई है। सोमवार दोपहर तक एंबुलेंस का संचालन शुरू नहीं हो पाया है। हालांकि शासन की ओर से एस्मा लगाने का निर्देश दिया गया है। इसके बाद भी हड़ताल जारी है।
प्रदेश में एंबुलेंस की ए एल एस सेवा नई कंपनी जिगित्सा को सौंपी गई है। यह कंपनी नए सिरे से भर्ती कर रही है। इसे लेकर पहले से कार्यरत कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। कई दौर की बातचीत के बाद भी समझौता नहीं होने पर एएलएस एंबुलेंस कर्मचारियों के समर्थन में 102 और 108 एंबुलेंस कर्मियों ने भी हड़ताल शुरू कर दी।
एंबुलेंस कर्मियों ने रविवार रात 12:00 बजे विभिन्न जिलों में एंबुलेंस खड़ी कर दी।
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एंबुलेंस कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष हनुमान पांडे एवं संगठन मंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि एंबुलेंस कंपनी प्रबंधन, एनएचएम और संघ के बीच बातचीत हुई लेकिन निष्कर्ष नहीं निकला।
संघ की मांग है कि एंबुलेंस कर्मियों को पहले की तरह ही मानदेय दिया जाए। उनसे किसी तरह का बांड ना भराया जाए और करोना काल में शहीद होने वाले कर्मचारियों के परिजनों को 50 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए।