नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी शुरू हो गई है। अयोध्या में राम मंदिर की नींव पड़ने के बाद से ही कई राजनीतिक पार्टियों की ओर से ब्राह्मणों को लेकर राजनीति की जा रही है, राम से लेकर परशुराम तक पर बयान दिए जा रहे हैं। इस बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अलग राह चुनी है, राम पर जारी सियासत के बीच अखिलेश श्रीकृष्ण की मूर्ति के साथ नज़र आए।
दरअसल, कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें वो पत्नी डिंपल यादव के साथ नज़र आ रहे हैं। पीछे कृष्ण की एक बड़ी-सी मूर्ति दिख रही है, जो अखिलेश यादव अपने परिवार के पैतृक गांव सैफई में बनवा रहे हैं।
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अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में लिखा, ‘जय कान्हा जय कुंजबिहारी जय नंद दुलारे जय बनवारी, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की सबको अनंत शुभकामनाएं’।
जय कान्हा जय कुंजबिहारी
जय नंद दुलारे जय बनवारीश्रीकृष्ण जन्माष्टमी की सबको अनंत शुभकामनाएँ! pic.twitter.com/BO4E2eusjr
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 12, 2020
भारतीय जनता पार्टी लंबे वक्त से राम के नाम पर वोट मांगती आई है, अब जब राम मंदिर की नींव पड़ गई है तो बीजेपी को 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए बड़ा मुद्दा मिल गया है। जो वादा बीजेपी दशकों से कर रही थी, वो पूरा हो रहा है। इसी बीच बहुजन समाज पार्टी ने भगवान परशुराम के नाम की आवाज़ उठा दी, जिसमें परशुराम की मूर्ति के साथ-साथ उनकी जयंती पर सरकारी अवकाश की मांग उठाई गई।
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राम नाम की सियासत के बीच अखिलेश यादव ने अलग रास्ता पकड़ा और यदुवंश के कहलाए जाने वाले कृष्ण की मूर्ति पर काम आगे बढ़ाया। अखिलेश इससे पहले भी कई बार कह चुके हैं कि सभी विष्णु के अवतार हैं और हम हर किसी की पूजा करते हैं।
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अयोध्या में राम मंदिर के पास सरयू किनारे योगी सरकार भगवान राम की मूर्ति बनवा रही है। तो वहीं कुछ वक्त पहले ही अखिलेश यादव ने सैफई में कृष्ण की मूर्ति बनाने का ऐलान किया था, जो अब लगभग बनकर तैयार हो चुकी है। ये मूर्ति करीब 51 फीट ऊंची है, जिसमें कृष्ण रथपाणी की मुद्रा में दिखाई पड़ रहे हैं।
इस मूर्ति का वजन करीब 60 टन है, जिसे सैफई के एक स्कूल के प्रांगण में बनाया जा रहा है। मूर्ति के आसपास कुरुक्षेत्र में हुए महाभारत के युद्ध जैसा स्वरूप दिया जाएगा। जिसमें कृष्ण हाथ में चक्र लिए हुए संबोधन कर रहे हैं।