मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को सैफई ब्लॉक स्थित गींजा गांव में कुछ दिन पूर्व हुई आंगनवाडी कार्यकत्री ममता की मौत पर उनके घर जाकर शोक संवेदना प्रकट की। परिजनों को नियमानुसार मदद का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री वहां करीब सात मिनट तक रहे। मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर पुलिस बल पुरी तरह मुस्तैद रही।
मुख्यमंत्री योगी ने ममता की 20 वर्षीय पुत्री लक्ष्मी राठौर जो बीएससी करने के बाद नीट की तैयारी कर रही है, उसे मन लगाकर पढ़ाई करने की बात कही। गांव में भी लगभग आधा दर्जन लोग कोरोना संक्रमित बताए गए हैं। यह लोग मुख्यमंत्री को अपना प्रार्थना पत्र देना चाहते थे किंतु मुख्यमंत्री ने उनकी बात को मौखिक ही सुन लिया और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है।
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उल्लेखनीय है कि गींजा गांव की आंगनबाड़ी कार्यकत्री ममता देवी की चार मई को अचानक तबियत खराब हो गई थी। उन्होंने जब सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में अपना कोविड टेस्ट कराया तो वह कोरोना संक्रमित निकली।
घर में ही एकांतवास रहकर इलाज कर रही थी। इसके बाद जब उन्हें ज्यादा परेशानी हुई तो सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में भर्ती हो गई। इलाज के दौरान 15 मई को उनका निधन हो गया।
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ममता के परिवार में बेटी के अलावा उनके पति राजेश, दो पुत्र आदित्य व आकाश हैं जो 12वीं और 11वीं में पढ़ाई कर रहे हैं।