• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

ठाकुरजी को ठंड से बचाएगी अंगीठी, सुहाग सौंठ का भोग लेंगे राजाधिराज

Writer D by Writer D
07/12/2020
in Main Slider, उत्तर प्रदेश, ख़ास खबर, धर्म, मथुरा
0
shri krishna

ठाकुर जी

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

उत्तर प्रदेश में कान्हानगरी मथुरा के वृन्दावन में स्थित सप्त देवालयों में व्यंजन द्वादशी से ठाकुर की शीतकालीन सेवा में तेजी आ जाती है। इस बार व्यंजन द्वादशी 26 दिसम्बर को है।

वृन्दावन के सप्त देवालयों में यशोदा भाव से सेवा होती है जिस प्रकार मां यशोदा ने कान्हा का पालन पोषण किया था, उसी प्रकार से सप्त देवालयों में मौसम के अनुसार ठाकुर सेवा होती है। इस सेवा के पीछे भाव यह होता है कि ठाकुर को किसी प्रकार की परेशानी नही होनी चाहिए। इन मन्दिरों के विगृह स्वयं प्राकट्य हैं।

अपनी शुचिता एवं पवि़त्रता के लिए मशहूर राधारमण मंदिर के सेवायत आचार्य एवं प्रबंन्ध समिति के सचिव पद्मनाभ गोस्वामी ने बताया कि राधारमण मन्दिर में व्यंजन द्वादशी से खिचड़ी महोत्सव शुरू हो जाता है। इस खिचड़ी में मेवा और केशर का समावेश होता है। इसके साथ ही अचार , पकौड़े ठाकुर को अरोगने के लिए और शामिल किये जाते है। केशरयुक्त दूध इसका प्रमुख भाग है। सुबह शाम ठाकुर को हिना या केशर का इत्र लगाया जाता है क्योंकि यह इत्र गर्म होते हैं।

यूपी: कांग्रेस में अनुसूचित जाति विभाग में तीन नए कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त

ठाकुर की पोशाक में दस्ताने और मोजे का प्रयोग भी व्यंजन द्वादशी से शुरू हो जाता है तथा गर्भगृह में अंगीठी रखी जाती है। एक महीने के लिए ठाकुर के चरण दर्शन नही होते हैं तथा गर्म जल से ठाकुर का स्नान शुरू हो जाता है। वैसे जाड़ा शुरू होते ही ठाकुर को गुनगुने पानी से स्नान, सूखे मेवा एवं केशर का उपयोग ठाकुर के व्यंजन में शुरू हो जाते है। मन्दिर में जाड़े की सेवा बसन्त पंचमी तक चलती रहती है। भाव यह है कि ठाकुर को किसी प्रकार से ठंड न लग जाये।

सप्त देवालयों के अन्य गोपीनाथ मन्दिर में द्वापर और कलियुग की सेवा का समिश्रण होता है। मन्दिर के सेवायत आचार्य राजा गोस्वामी ने बताया कि मन्दिर में दास्य भाव से सेवा होती है वास्तव में जीव और भगवान का संबंध ही इस मन्दिर की सेवा का प्रमुख अंग है। इस मन्दिर में पौष माह की शुरूवात से खिचड़ी महोत्सव शुरू होता है। खिचड़ी मेवा के साथ साथ बाजरे, मटर, मंूग, अरहर और चावल की होती है। इसमें भाजे, और पाप़ड़ को और शामिल किया जाता है। गर्म होने के कारण मूंगफली या तिल का तेल प्रयोग किया जाता है। ठाकुर की खीर और दूध में केशर का उपयोग होता है।

मुरादाबाद में लव जिहाद का पहला मामला दर्ज, दो आरोपी गिरफ्तार

उन्होंने बताया कि पौष माह की शुरूआत से ही ठाकुर के बाल भोग में माखन मिश्री के साथ साथ मेवे का भोग भी मंगला आरती में रखा जाता है तथा ठाकुर की अरोगने की सामग्री में पकौड़े का समिश्रण और कर दिया जाता है। इस मन्दिर में भी पौष माह में ठाकुर के चरण दर्शन नही होते तथा गर्म कपड़ों के साथ ठाकुर को दस्ताने और मोजे धारण कराये जाते हैं और गर्भ गृह को गर्म बनाए रखने के लिए अंगीठी रखी जाती है।

सप्त देवालयों में भाव प्रधान सेवा के लिए अपनी अलग पहचान बना चुके राधाश्यामसुन्दर मन्दिर में इस मास की शुरूआत से ही ठाकुर को मेवा के पकौड़े बनाकर भोग सामग्री विशेषकर बालभोग में रखते हैं। मंदिर के सेवायत आचार्य कृष्ण गोपालानन्द प्रभुपाद ने बताया कि मंदिर में वैसे तो शीतकालीन सेवा कार्तिक पूर्णिमा के बाद से ही शुरू हो जाती है तथा ठाकुर को गुनगुने पानी से स्नान कराना शुरू हो जाता है और ठाकुर को हल्की शाल ओढ़ाई जाती है पर गौड़ीय सम्प्रदाय के सप्त देवालयों की परंपरा के अनुरूप राधाश्यामसुन्दर मन्दिर मे मुख्य शीतकालीन सेवा व्यंजन द्वादशी से ही शुरू होती है तथा ठाकुर के खान पान में ऐसी चीजों का उपयोग किया जाता है जो गर्म होती हैं इनमें खिचड़ी प्रमुख है। एक प्रकार से व्यंजन द्वादसी के बाद जो भोग ठाकुर को अर्पित किया जाता है वह मिनी अन्नकूट होता है। उनका कहना था कि जाड़े में चन्दन श्रंगार की जगह पीले श्रंगार का उपयोग किया जाता है तथा ठाकुर को ऐसे गर्म वस़्त्र धारण कराए जाते हैं जिनसे ठाकुर को ठंड न लगे।

सप्त देवालयों में राधा दामोदर मन्दिर, राधाबल्लभ मन्दिर में भी जाड़े की सेवा व्यंजन द्वादसी से ही शुरू होती है कुल मिलाकर व्यंजन द्वादसी से सप्त देवालयों में ठाकुर को शीत से बचाने के लिए विभिन्न प्रकार के तरीके अपनाने की होड़ सी लग जाती है।

Tags: laddu gopalmathura newsprecaution for bal gopal in winterradhakrishna mandirup news in hindiVrindavanराधारमण मन्दिर
Previous Post

फिल्म निर्माण के लिये उत्तर प्रदेश में अनुकूल माहौल है : प्रकाश झा

Next Post

राज्य में नए प्रस्तावित कानून से ‘लव जिहाद’ की घटनाओं पर रोक लगेगी : शर्मा

Writer D

Writer D

Related Posts

glowing skin
फैशन/शैली

फेस ग्लो के लिए करें इस फूल का इस्तेमाल, जानें फायदे

14/06/2025
Fridge
फैशन/शैली

फ्रिज में इन चीजों को भूल कर भी न रखें, हो सकता है हानिकारक

14/06/2025
Honey Chilli Chicken
Main Slider

इस वीकेंड पर बनाएं ये स्पेशल चाइनीज डिश

14/06/2025
Mango Cake
Main Slider

अपने स्पेशल टेस्ट से सबको दीवाना बना लेती है यह डिश, दिलों पर करती है राज

14/06/2025
धर्म

घर में तुलसी का पौधा लगाने से पहले जान लें ये बातें

14/06/2025
Next Post
Vishnu Dutt Sharma

राज्य में नए प्रस्तावित कानून से 'लव जिहाद' की घटनाओं पर रोक लगेगी : शर्मा

यह भी पढ़ें

Lucknow Graduate Election

लखनऊ स्नातक खंड से भाजपा उम्मीदवार अवनीश सिंह जीते, निर्दलीय प्रत्याशी से मिली कड़ी टक्कर

06/12/2020
इमरान खान-नवाज शरीफ

नवाज शरीफ को इंग्लैंड की अनुमति देना ‘गलती’, हो रहा ‘पछतावा’ : इमरान खान

29/08/2020
fake medicine

दो लाख रुपये की नकली दवाएं जब्त, एक गिरफ्तार

13/02/2022
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version