पटना/मुंबई। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूर की मौत के मामले को उठाने के कारण शिवसेना की नजरों में खटकने वाले बिहार के पूर्व DGP गुप्तेश्वर पांडे (अभी JDU में शामिल हो गए हैं) के खिलाफ बिहार चुनाव में शिवसेना अपना उम्मीदवार खड़ा करना चाहती थी। लेकिन, JDU ने गुप्तेश्वर पांडे को टिकट न देकर शिवसेना के इस प्लान पर ही पानी फेर दिया। जेडीयू ने बुधवार को अपने 115 उम्मीदवारों की सूची जारी की, जिसमें गुप्तेश्वर पांडे का नाम नहीं हैं।
शिवसेना ने बुधवार को ही बिहार में JDU का दामन थामने वाले राज्य के पूर्व DGP गुप्तेश्वर पांडे के खिलाफ विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया था। शिवसेना का कहना था कि गुप्तेश्वर पांडे ने महाराष्ट्र का अपमान किया है, महाराष्ट्र पुलिस पर झूठे आरोप लगाए हैं, ऐसे में उनको सबक सिखाने के लिए शिवसेना उनके खिलाफ उम्मीदवार उतारेगी। लेकिन, JDU ने पांडे को टिकट ही नहीं दिया।
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पांडे ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है, “अपने अनेक शुभचिंतकों के फ़ोन से परेशान हूँ। मैं उनकी चिंता और परेशानी भी समझता हूँ। मेरे सेवामुक्त होने के बाद सबको उम्मीद थी कि मैं चुनाव लड़ूँगा लेकिन मैं इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा। हताश निराश होने की कोई बात नहीं है। धीरज रखें। मेरा जीवन संघर्ष में ही बीता है। मैं जीवन भर जनता की सेवा में रहूँगा। कृपया धीरज रखें और मुझे फ़ोन नहीं करे।”
कयास लगाए जा रहे थे कि जनता दल यूनाइटेड (JDU) से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करने वाले पांडे को बक्सर से टिकट दिया जा सकता है। बता दें कि, गुप्तेश्वर पांडेय बक्सर से बीजेपी का टिकट चाहते थे लेकिन जेडीयू और भाजपा के बीच सीट बंटवारे में ये सीट बीजेपी के खाते में चली गई। बीजेपी ने बुधवार देर शाम बक्सर सहित दो और सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी।
गौरतलब है कि बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडेय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाले जनता दल युनाइटेड (जदयू) में 27 सितंबर को शामिल हुए थे। उन्हें पटना में मुख्यमंत्री आवास पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने जदयू की प्राथमिक सदस्यता दिलायी थी।