मनी लॉड्ररिंग मामले में फंसे महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ ईडी ने एक बार फिर समन जारी किया है। ईडी ने अनिल देखमुख को बुधवार को हाजिर होने का फरमान सुनाया है। ऐसी ही एक नोटिस उनके बेटे ऋषिकेश को भी भेजी गई है।
ईडी की ओर से यह कार्रवाई तब की गई है, जब सुप्रीम कोर्ट ने अनिल देशमुख की याचिका को खारिज कर दिया है। दअरसल, अनिल देशमुख ने बीमारी के चलते सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कोई कठोर कार्रवाई न की जाने की मांग की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनको राहत नहीं दी। हालांकि, तीन सदस्यीय बेंच ने कहा है कि अनिल देशमुख अपील करने के लिए स्वतंत्र हैं। कानून के जानकारों का कहना है कि अनिल देशमुख अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट जा सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक ईडी की ओर से इस मामले में अनिल देशमुख को पांचवा समन भेजा गया है। ईडी मनी लॉड्ररिंग मामले में उनके बयान दर्ज करना चाहती है। जबकि, देशमुख ईडी की कार्रवाई को गलत बताते हुए पिछली सुनवाईयों में जाने से इंकार करते रहे हैं। उनके बेटे ऋषिकेश और उनकी पत्नी को भी समन जारी किया गया था, लेकिन वह भी सुनवाई के दौरान मौजूद नहीं हुए। देशमुख ने पिछले महीने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद ही पूछताछ के लिए हाजिर होने की बात कही थी।
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ये सभी समन महाराष्ट्र पुलिस के माध्यम से वसूली, रिश्वतखोरी से 100 करोड़ रुपये की उगाही मामले में भेजे जा रहे हैं। मामला सामने आने के बाद अप्रैल में अनिल देशमुख ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद ईडी ने मुंबई व नागपुर स्थित अनिल देशमुख के घरों पर छापेमारी भी की थी। इस दौरान ईडी ने अनिल देशमुख के दो सहयोगियों, सचिव व सहायक को गिरफ्तार किया था।
ईडी की ओर से हाल ही में अनिल देशमुख व उनके परिवार की 4.20 करोड़ की संपत्ति कुर्क भी की गई थी। ईडी का दावा था कि अनिल देशमुख ने असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे के माध्यम से कई बार मालिकों से 4.70 करोड़ का वसूली की थी।
अनिल देशमुख व उनके वकील ने ईडी की इस कार्रवाई को गलत बताते हुए कहा है पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के पद से हटने के बाद उनकी ओर से गलत आरोप लगाए जा रहे हैं।