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फतेह मार्च निकालकर 383 दिन बाद घरों की ओर लौट रहे अन्नदाता

गाजियाबाद के यूपी गेट पर आंदोलनकारी किसानों ने आज सुबह हवन और पूजा पाठ कर अपने घर वापसी की तैयारी शुरू कर दी। किसानों ने यूपी गेट से फतेह मार्च निकालने से पहले हवन में आहुति दी जिस दौरान किसान नेता गौरव टिकैत, मीडिया प्रभारी शमशेर राणा होशियार सिंह और अन्य किसान मौजूद रहे।

भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे जिन्होंने किसानों फतेह मार्च का नेतृत्व किया और मुजफ्फरनगर के लिए रवाना हो गए।

हवन संपन्न होने के बाद किसानों ने अपने सामान तैयार किए और एक-दूसरे से मिलकर विदा हो गए। फतेह मार्च निकालने से पहले किसानों ने देशभक्ति गीतों पर भी डांस किया। यहां हर किसी के मन में खुशी और गम दोनों के भाव दिखाई दिए। एक साल तक यहां रहकर लोगों को एक लगाव सा हो गया था जिसके चलते जाते वक्त कई लोग रोते भी दिखे।

तय कार्यक्रम के अनुसार यूपी गेट से किसान गाड़ी और ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ मुजफ्फरनगर किसान भवन सिसौली तक फतेह मार्च निकाला गया है जो गाजियाबाद से रवाना हो चुका है। किसानों के जाने के बाद पुलिस ने यहां सफाई अभियान शुरू कर दिया है जिसके बाद यह रोड सुचारु रूप से चालू हो जाएगी। भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सोशल मीडिया पर किसानों से यूपी गेट पर पहुंचने का आह्वान मंगलवार को ही किया था। वहीं, यूपी गेट आंदोलन स्थल से मंगलवार को ही भाकियू के भी अधिकांश तंबू व टेंट हट गए हैं।

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प्रदेश अध्यक्ष राजबीर सिंह जादौन ने बताया कि 15 दिसंबर तक यूपी गेट, दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे, एनएच-9 की सड़कें पूरी तरह से खाली हो गई हैं। अधिकांश किसान यहां से घर लौट चुके हैं। कई किसान जाते समय काफी भावुक हुए तो कुछ जाने को तैयार नहीं थे। आज 100-150 से ज्यादा किसान आंदोलन स्थल पर थे जो फतेह मार्च के साथ अपने घरों की ओर लौट गए।

किसानों में खुशी है कि सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिया। मगर कुछ दिनों बाद ही अन्नदाता एक जनवरी से सरकार से अपनी आय दो गुना होने के बारे में सवाल पूछेगा, क्योंकि सरकार ने पूर्व में भरोसा दिया था कि वर्ष 2022 से किसानों की आय दोगुना हो जाएगी।

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