नई दिल्ली। कोरोना महासंकट की वजह से पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था को सही रास्ते पर लाने के लिए मोदी सरकार ने एक और राहत पैकेज का ऐलान किया है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हाल में आए आंकड़े अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दे रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने आत्मनिर्भर भारत 3.0 का एलान कर दिया। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की शुरुआत की गई है जिससे देश में नए रोजगार का सृजन हो सके।
बड़ी खुशखबरी : रूसी कोरोना वैक्सीन की पहली खेप पहुंची भारत, जल्द शुरू होगा…
रोजगार को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की घोषणा की गई। इससे संगठित क्षेत्र में रोजगार को बल मिलेगा। पंजीकृत ईपीएफओ प्रतिष्ठान से जुड़ने वाले कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। जो पहले ईपीएफओ से नहीं जुड़े थे या जिनकी नौकरी 1 मार्च से 30 सितंबर तक नौकरी चली गई हो उन्हें भी इस योजना का फायदा मिलेगा। यह योजना एक अक्तूबर 2020 से लागू होगी और 30 जून 2021 तक लागू रहेगी।
'आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना' को लॉन्च किया जा रहा है ताकि नए रोज़गार के सृजन को प्रोत्साहन दिया जा सके। ये योजना 1 अक्टूबर 2020 से लागू होगी: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण pic.twitter.com/wcivMoEoaR
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 12, 2020
आत्मनिर्भर भारत 3.0 : आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी ईपीएफओ से जुड़ें और पीएफ का फायदा उठाएं। ऐसे कर्मचारी जो पहले पीएफ के लिए पंजीकृत नहीं थे और जिनकी सैलरी 15 हजार से कम है उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। जिन लोगों के पास अगस्त से सितंबर तक नौकरी नहीं थी, लेकिन बाद में पीएफ से जुड़े हैं। उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा। यह योजना 30 जून 2021 तक लागू रहेगी। सरकार दो साल तक एक हजार कर्मचारियों वाली संस्थाओं को नई भर्ती वाले कर्मचारियों के पीएफ का पूरा 24 प्रतिशत हिस्सा सब्सिडी के तौर पर देगी। यह एक अक्टूबर से लागू होगा। एक हजार से ज्यादा कर्मचारियों वाले संस्थान मे नए कर्मचारी के 12 प्रतिशत पीएफ योगदान पर सरकार 2 साल तक सब्सिडी देगी।
I would like to announce a few new measures in the series of stimulus announcements we have been doing…Quite a few indicators showing a distinct recovery in the economy:
Finance Minister Nirmala Sitharaman pic.twitter.com/cDNi4T2sPE— ANI (@ANI) November 12, 2020
बढ़ाई गई इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम की अवधि
मोदी सरकार ने इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) की अवधि बढ़ा दी है। अब इस योजना का लाभ 31 मार्च 2021 तक मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत ईसीएलजीस स्कीम के अंतर्गत 61 लाख लोगों को लाभ मिला है।
पीएम आवास योजना- शहरी
वित्त मंत्री ने कहा कि पीएम शहरी आवास योजना के लिए 18 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। इससे कुल 30 लाख मकानों को फायदा मिलेगा। यह राशि बजट में घोषित आठ हजार करोड़ रुपये से अतिरिक्त होगी। इससे 78 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि कामत समिति की सिफारिश के आधार पर 26 दबावग्रस्त क्षेत्रों की पहचान की गई है। इसमें स्वास्थ्य क्षेत्र को भी शामिल किया गया है। इन क्षेत्रों के लिए ईसीएलजीएस स्कीम 2.0 शुरू की जा रही है। एमएसएमई सेक्टर को भी इसका फायदा मिलेगा। इसमें मूलधन चुकाने के लिए पांच साल का समय दिया गया है। इसमें कर्जधारक कंपनियों को एक साल तक 50 करोड़ से 500 करोड़ रुपये तक का मोरेटोरियम दिया जाएगा। यह योजना 31 मार्च 2021 तक लागू रहेगी। 10 क्षेत्रों के लिए 1.46 लाख करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव योजना शुरू की गई है। इससे रोजगार और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा। पहले इस योजना को तीन क्षेत्रों में शुरू किया गया था।
निर्माण और बुनियादी ढांचा क्षेत्र को राहत
वित्त मंत्री ने कहा कि निर्माण और बुनियादी ढांचा सेक्टर की कंपनियों को अब कॉन्ट्रेक्ट के लिए परफॉर्मेंस सिक्योरिटी के तौर पर पांच से 10 प्रतिशत फीसदी के स्थान पर केवल तीन प्रतिशत की रकम रखनी होगी। यह राहत 31 दिसंबर, 2021 तक जारी रहेगी।
ये हैं अन्य प्रावधान
- पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत 10 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। इसका इस्तेमाल मनरेगा या ग्राम सड़क योजना के लिए किया जा सकेगा।
- किसानों को उर्वरक सब्सिडी देने के लिए 65 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
- निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक्जिम बैंक को लाइन ऑफ क्रेडिट दिया जाएगा।
- कोविड वैक्सीन के शोध के लिए कोविड सुरक्षा मिशन के तहत डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी को 900 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे। ताकि वैक्सीन पर शोध किया जा सके।
वित्त मंत्री ने कहा कि हाल के आंकड़े अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े बेहतर आए हैं। रिजर्व बैंक ने यह संकेत दिया है कि तीसरी तिमाही में ही इकोनॉमी पॉजिटिव जीडीपी ग्रोथ हासिल कर सकती है। मूडीज ने भी भारत की रेटिंग में सुधार किया है। हमारी नेगेटिव रेटिंग पहले से बेहतर हुई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि रेलवे में माल ढुलाई 20 फीसदी बढ़ी है। बैंक कर्ज वितरण में 5 फीसदी की बढ़त हुई है। अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था बेहतर होगी। एफपीआई का नेट निवेश भी सकारात्मक रहा है। जीएसटी कलेक्शन 10 प्रतिशत बढ़ा। विदेशी मुद्रा भंडार भी 560 अरब डॉलर के रिकॉर्ड पर पहुंच गया है।
सीतारमण ने कहा कि मूडीज ने भारत की रेटिंग में सुधार किया है। पहले हमारी रेटिंग जहां 9.6 निगेटिव थी अब इसे घटाकर 8.9 निगेटिव कर दिया गया है। इसी तरह 2022 के अनुमान को 8.1 फीसदी से बढ़ाकर 8.6 फीसदी कर दिया है। यह संकेत है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है। बैंक क्रेडिट में 23 अक्तूबर तक 5.1 प्रतिशत की तेजी आई है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत उठाए गए कदमों से मजदूरों को काफी फायदा हुआ है। इसी तरह किसानों को राहत देने के प्रयासों के भी नतीजे अच्छे आए हैं। बैंकों ने 157.44 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए हैं। उन्हें दो चरणों में 143262 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। वहीं प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा के तहत 1681 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। नाबार्ड के जरिए 25 हजार करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी आवंटित की गई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के पहले चरण का प्रदर्शन अच्छा रहा है। 28 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश राशन कार्ड नेशनल पोर्टेबिलिटी के अधीन हैं। इससे 68.6 करोड़ लोगों को फायदा हुआ है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 1373.33 करोड़ रुपये का कर्ज आवंटित किया गया है।
सीतारमण ने कहा कि देश में निवेश बढ़ रहा है। इमरजेंसी क्रेडिट लाइन स्कीम (ईसीजीएलएस) के अंतर्गत 61 लाख कर्जदारों को 2.05 लाख करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। इनमें से 1.52 लाख करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं। बैंकों ने 157.44 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए हैं और उन्हें दो चरणों में 1,43,262 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग ने सक्रियता और तेजी दिखाते हुए 1.32 लाख करोड़ रुपये का रिफंड दिया है।