• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

‘उत्तराखंड गौरव पुरस्कार 2022’: बिपिन रावत सहित पांच विभूतियों के नाम की घोषणा

Writer D by Writer D
06/11/2022
in Main Slider, उत्तराखंड, राष्ट्रीय
0
Uttarakhand Gaurav Puraskar

bipin rawat

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने रविवार को ‘उत्तराखंड गौरव सम्मान 2022’ पुरस्कार (Uttarakhand Gaurav Puraskar) की घोषणा कर दी है। सरकार ने अलग-अलग क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए प्रदेश के अजीत डोभाल, गीतकार प्रशून जोशी, स्व. जनरल बिपिन रावत सहित पांच विभूतियों को पुरस्कार देने के लिए चुना है। इनमें से तीन को मरणोपरांत पुरस्कार दिया जा रहा है।

सचिव (प्रभारी) सामान्य प्रशासन विनोद कुमार सुमन की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है। इनमें वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को और फिल्म के क्षेत्र में कवी, लेख क गीतकार एवं फील्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी का नाम चयनित किया गया है।

उत्तराखंड गौरव पुरस्कार 2022 घोषणा

देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाप (सीडीएस) रहे स्व. जनरल बिपिन रावत, कवि,लेखक एवं गीतकार रहे स्व. गिरीश चन्द्र तिवारी (गिर्दा), साहित्व एवं पत्रकारिता के क्षेत्र के लिए स्व. वीरेन डंगवाल को मरणोपरांत के लिए चयनित किया गया है। उत्तराखंड सरकार हर साल यह सम्मान अलग-अलग क्षेत्रों में विशेष योगदान के लिए प्रदान करती है।

अजीत डोभाल: आई.पी.एस. (सेवानिवृत्त), भारत के पांचवें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। वे 30 मई 2014 से इस पद पर हैं। अजित डोभाल का जन्म 1945 में उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में एक गढ़वाली परिवार में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा अजमेर के मिलिट्री स्कूल से पूरी की थी, इसके बाद उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए किया और पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद वे आईपीएस की तैयारी में लग गए। अजीत डोभाल 1968 में केरल कैडर से आईपीएस चुने गए, 2005 में इंटेलिजेंस ब्यूरो यानी आईबी के चीफ के पद से रिटायर हुए। वह सक्रिय रूप से मिजोरम, पंजाब और कश्मीर में उग्रवाद विरोधी अभियानों में शामिल रहे हैं।

प्रसून जोशी: हिन्दी कवि, लेखक, पटकथा लेखक और भारतीय सिनेमा के गीतकार हैं। उनका जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा ज़िले के दन्या गांव में 16 सितम्बर 1968 को हुआ था। उनके पिता का नाम देवेन्द्र कुमार जोशी और माता का नाम सुषमा जोशी है। उनका बचपन एवं उनकी प्रारम्भिक शिक्षा टिहरी, गोपेश्वर, रुद्रप्रयाग, चमोली एवं नरेन्द्रनगर में हुई, जहां उन्होंने एम.एससी और उसके बाद एम.बी.ए. की पढ़ाई की।

जनरल बिपिन रावत: जनरल बिपिन सिंह रावत भारत के पहले रक्षा प्रमुख यानी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) थे। वे 1 जनवरी 2020 को रक्षा प्रमुख की पद ग्रहण किया था। इससे पूर्व वो भारतीय थल सेनाध्यक्ष के पद पर 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक पर रह चुके थे।

बिपिन लक्ष्मण सिंह रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को गढ़वाल जिले के पौड़ी (वर्तमान में पौड़ी गढ़वाल जिला, उत्तराखण्ड) में हुआ। इनका परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना में सेवा दे रहा था। इनके पिता लक्ष्मण सिंह राजपूत पौड़ी गढ़वाल जिले के सैंजी गांव से थे और लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए। इनकी माता उत्तरकाशी जिले से थीं और उत्तरकाशी विधान सभा से विधायक रह चुके किशन सिंह परमार की पुत्री थीं।

वीरेन डंगवाल: साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत हिन्दी कवि थे। उनका जन्म 5 अगस्त 1947 कीर्तिनगर, टिहरी गढ़वाल में हुआ। उनकी मां एक मिलनसार धर्मपरायण गृहणी थीं और पिता स्वर्गीय रघुनन्दन प्रसाद डंगवाल प्रदेश सरकार में कमिश्नरी के प्रथम श्रेणी अधिकारी थेे। उनकी रुचि कविताओं कहानियों दोनों में रही है। उन्होंने मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, कानपुर, बरेली, नैनीताल और अन्त में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने 1968 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम.ए. और तत्पश्चात डी.फिल की डिग्रियां प्राप्त की। वीरेन 1971 से बरेली कॉलेज में हिन्दी के अध्यापक रहे। साथ ही शौकिया पत्रकार भी थे। 28 सितम्बर 2014 को 68 साल की उम्र में बरेली में देहांत हो गया था।

गिरीश चन्द्र तिवारी (गिर्दा): उनका जन्म 9 सितंबर, 1945 को अल्मोड़ा के ज्योली हवालबाग गांव में हंसादत्त तिवाडी और जीवंती तिवाडी के घर हुआ था। वह जनगीतों के नायक थे। वह आजीवन जन संघर्षों से जुड़े रहे और अपनी कविताओं में जन पीड़ा को सशक्त अभिव्यक्ति दी। उत्तराखंड के जनकवि गिरीश चंद्र तिवाडी ‘गिर्दा’ का 22 अगस्त 2010 को हल्द्वानी में देहांत हुआ था।

Tags: dehradun newsUttarakhand Gaurav Puraskar 2022Uttarakhand News
Previous Post

सीएम धामी ने उत्तराखण्ड लोक विरासत कार्यक्रम-2022 में किया प्रतिभाग

Next Post

सीएम योगी ने काशी के कोतवाल कालभैरव और बाबा विश्वनाथ के दरबार में लगाई हाजिरी

Writer D

Writer D

Related Posts

Termites
Main Slider

इनकी मदद से हटाए पौधों में लगे कीड़े

10/09/2025
CM Dhami
राजनीति

पूर्व सीएम भुवन खांडूरी का हाल जानने सीएम धामी पहुंचे मैक्स हॉस्पिटल

10/09/2025
UPITS
Main Slider

यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में इस बार रूस बनेगा पार्टनर कंट्री

09/09/2025
AC burst during the story of Swami Ramabhadracharya
Main Slider

स्वामी रामभद्राचार्य की कथा में बड़ा हादसा, AC का कंप्रेसर फटने से लगी आग

09/09/2025
CM Vishnudev Sai
Main Slider

शहीद ASP की पत्नी को DSP पद पर अनुकंपा नियुक्ति… CM विष्णु देव साय की अध्यक्षता में कैबिनेट के बड़े फैसले

09/09/2025
Next Post
CM Yogi

सीएम योगी ने काशी के कोतवाल कालभैरव और बाबा विश्वनाथ के दरबार में लगाई हाजिरी

यह भी पढ़ें

Mahant Rameshwar Puri

काशी अन्नपूर्णा मंदिर के महंत रामेश्वर पुरी का निधन, संत समाज में दौड़ी शोक की लहर

11/07/2021
eating with hands

चम्मच से खाना करें बंद, हाथों से खाने पर बढ़ जाता है भोजन का स्वाद

18/01/2022
Tulsi

21/11/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version