लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना वायरस दुनियाभर के लिए जानलेवा साबित हुआ है। इसने 180 से भी ज्यादा देशों को अपनी चपेट में ले लिया है। इस महामारी की वजह से अब तक छह लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि करीब डेढ़ करोड़ लोग संक्रमित हुए हैं। इसके वैक्सीन की खोज लगातार जारी है। हालांकि कई देशों ने तो वैक्सीन बना लेने का दावा भी किया है, लेकिन अभी उनमें से कुछ ट्रायल के पहले या दूसरे चरण में हैं तो कुछ तीसरे यानी अंतिम चरण तक पहुंच गए हैं। अगर सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही दुनिया को कोरोना की वैक्सीन मिल जाएगी, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि वैक्सीन की खोज के बाद भी इस महामारी पर पूरी तरह काबू पाना मुश्किल है। उनका कहना है कि आने वाले सालों में लोगों को कोरोना के साथ ही जीना होगा।
इस बीमारी के बारे में सबसे खास, लेकिन खतरनाक बात ये है कि समय-समय पर इसके लक्षणों में इजाफा भी हो रहा है। शुरुआत में तो इसके चार ही लक्षण सामने आए थे, लेकिन बाद में और भी लक्षण सामने आने लगे, जिससे कोरोना संक्रमित मरीजों की परेशानी और बढ़ गई। अब कोरोना का एक नया लक्षण सामने आया है, लेकिन भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर (ICMR) ने अभी आधिकारिक तौर पर इसे तय लक्षणों में शामिल नहीं किया है। आइए जानते हैं इस नए लक्षण के बारे में और ये कितना खतरनाक है…
कोरोना संक्रमण के शुरुआती लक्षणों के बारे में पहले जान लेते हैं। ये लक्षण इस प्रकार हैं:
- तेज बुखार
- सूखी खांसी
- गले में खराश होना
- सांस लेने में तकलीफ होना
पहले के चार लक्षणों के अलावा इन लक्षणों को बाद में शामिल किया गया।
- सिर दर्द, बदन दर्द, थकान,
- ठंड लगना या ठिठुरन
- उल्टी आना
- दस्त, बलगम में खून आना
शुरुआत के चार लक्षणों के अलावा इन लक्षणों को भी केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना के लक्षणों में आधिकारिक तौर पर शामिल किया है।
गंध या स्वाद महसूस न होने को भी कोरोना के प्रमुख लक्षणों में शामिल किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अलावा दुनियाभर के वैज्ञानिक और विशेषज्ञों ने इसे कोरोना वायरस के अन्य लक्षणों में शामिल किया है। अब मुंह में रैशेज यानी चकत्ते होने को कोरोना वायरस के ताजा लक्षणों में शामिल किया गया है। स्पेन के डॉक्टरों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों में उनके पास ऐसे कई कोरोना संक्रमित मरीज आए, जिन्हें मुंह में रैशेज (चकत्ते) की समस्या थी।
कोरोना के इस नए लक्षण के बारे में किए गए अध्ययन को 15 जुलाई को जामा डर्मेटोलॉजी में प्रकाशित किया गया था। इसमें बताया गया है कि पिछले कुछ दिनों में जितने भी लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं, उनमें से कुछ मरीज स्किन रैशेज यानी त्वचा पर चकत्ते और कुछ मुंह में रैशेज (चकत्ते) की समस्या से पीड़ित थे। यह हैरान करने वाली बात थी, क्योंकि अब तक इससे संबंधित कोई जांच की ही नहीं गई थी। हालांकि इस नए लक्षण को अभी तक आधिकारिक तौर पर कोरोना के लक्षणों में शामिल नहीं किया गया है।