भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी अपना दल (एस) अध्यक्ष एवं मिर्जापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाले केन्द्रीय मंत्रिमंडल में दूसरी बार राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की।
इससे पहले उन्होने मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान 2016 में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। श्री मोदी के दूसरे कार्यकाल में हुये पहले कैबिनेट विस्तार में 43 नेताओं की सूची में सात नाम उत्तर प्रदेश से हैं जिसमें श्रीमती पटेल के अलावा लखनऊ के सांसद कौशल किशोर, महराजगंज से पंकज चौधरी, जालौन से भानु प्रताप वर्मा और बीएल वर्मा , आगरा से एसपी सिंह बघेल और लखीमपुर खीरी के सांसद अजय मिश्र शामिल हैं।
हाल ही में गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद उन्हे मंत्रिमंडल में लिये जाने की अटकलें तेज हो गयी थी। पिछड़ों की समस्याओं के निदान के लिए अपना दल (एस) सांसद अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की तर्ज पर केंद्र सरकार में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मंत्रालय का गठन की मांग करती रही है। हालांकि मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने के बाद उनका यह प्रयास कितना फलीभूत होगा। यह भविष्य ही बतायेगा।
28 अप्रैल 1981 को कानपुर में जन्मी श्रीमती पटेल को राजनीति विरासत में मिली। उनके पिता डा सोनेलाल पटेल ने पिछड़ा वर्ग खासकर कुर्मी समाज के उत्थान के लिये अपना दल की स्थापना की। इंटरमीडियेट तक कानपुर में पढी लिखी अनुप्रिया ने हालांकि स्नातक की परीक्षा 2001 में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रसिद्ध लेडी श्रीराम कालेज से की। 27 सितम्बर 2009 को उनका विवाह आशीष पटेल से हुआ मगर विवाह के कुछ दिनो बाद ही उनके पिता डा सोनेलाल पटेल की दीपावली के दिन एक सड़क हादसे में मृत्यु हो गयी थी।
गैंगवार में मारे गए अजीत सिंह की पत्नी को BJP ने बनाया ब्लाक प्रमुख प्रत्याशी
राजनीति की समझ रखने के बावजूद श्रीमती पटेल ने राजनीति की बजाय शिक्षा के क्षेत्र में अपना ध्यान लगाया और 2010 में उन्होने कानपुर विश्वविद्यालय एमबीए की डिग्री हासिल की। बाद में कुछ दिनों तक एमिटी विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य किया। इस बीच उनकी रूझान समाज सेवा में रहा जिसके चलते वह यूपी के विभिन्न हिस्सों का दौरा करती रहीं और जनता की समस्यायों से रूबरू हुयी।
श्रीमती पटेल ने पहली बार 2012 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में वाराणसी के रोहनिया क्षेत्र से अपना दल उम्मीदवार के तौर पर बसपा प्रत्याशी को 17583 वोटों से हराया और राजनीति के गलियारों में चल पड़ी। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होने मिर्जापुर से पर्चा भरा और 436536 वोट पाकर जीत का परचम लहराया। इस चुनाव में उन्होने सपा और बसपा को मिले कुल वोटों 326316 वोटों से 110220 वोट ज्यादा प्राप्त किये जिसके फलस्वरूप उन्हे 5 जुलाई 2016 को एनडीए सरकार की सबसे युवा मंत्री के तौर पर शपथ दिलायी गयी। उन्हे केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री का पद मिला।
इस बीच भाजपा से नजदीकियां बढाने के साथ ही उनका अपनी मां एवं अपना दल अध्यक्ष कृष्णा पटेल से राजनीतिक मतभेद बढ़ता चला गया। बाद में उन्होने अपना दल (एस) के नाम से अपनी पार्टी बनायी और 2014 के बाद 2017 में यूपी विधानसभा और 2019 का लोकसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ा जिसमें उन्हे आशातीत सफलता मिली। 2019 के लोकसभा चुनाव में अपना दल (एस) अध्यक्ष अनुप्रिया ने सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी को दो लाख 40 हजार वोटों से हराया और एक बार फिर मिर्जापुर का सांसद बनने का गौरव हासिल किया। इस चुनाव में उन्हे 591564 वोट मिले थे।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हे मिर्जापुर और प्रतापगढ़ में सफलता मिली जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने 11 में से 9 सीटों पर जीत हासिल की। 2018 में उनके पति एवं पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष आशीष पटेल विधान परिषद सदस्य के तौर पर मनोनीति किये गये। 2019 के लोकसभा चुनाव में अपना दल (एस) को मिर्जापुर और सोनभद्र में जीत मिली। हाल ही में सम्पन्न जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में अनुप्रिया की पार्टी को दो सीटे मिली है।