चुनाव के मुहाने पर खड़े उत्तर प्रदेश में एक नया विवाद सिर उठाने लगा है। बांदा कृषि विवि में नियुक्तियों को लेकर बीजेपी का एक धड़ा इस कदर खफा हुआ कि सीधे पीएम को खत लिख दखल की गुहार कर दी। मोदी क्या करते हैं ये तो वक्त बताएगा लेकिन इतना तय है कि इस बखेड़े के बाद तमाम वर्ग सरकार से नाराज तो होंगे ही। चुनाव सिर पर हैं तो बीजेपी को खामियाजा भी उठाना पड़ सकता है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने 20 प्रवक्ताओं की भर्तियां की गई हैं, जिसका रिजल्ट 1 जून को घोषित किया गया है। इसमें जिनमें 18 सामान्य वर्ग और दो ईडब्लूएस कोटे की थीं। विश्वविद्याय प्रशासन ने 15 पदों पर भर्तियां की हैं, जिनमें से 11 पदों पर सामान्य वर्ग में एक ही जाति विशेष यानी ठाकुर समुदाय लोगों का चयन किया गया है। इसके अलावा बाकी चार पदों में से एक ओबीसी, एक अनुसूचित जाति, एक भूमिहार और एक मराठी समुदाय से शामिल हैं। नियुक्त हुए कर्मचारी प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।
बांदा कृषि विश्वविद्यालय में सामान्य वर्ग से चयनित हुए 15 प्रवक्ताओं में 11 ठाकुर समुदाय के भर्ती किए जाने के लेकर विवाद छिड़ गया है। सत्ता पक्ष के ओबीसी विधायक से लेकर विपक्ष तक ने मोर्चा खोल दिया है। बांदा के तिंदवारी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक बृजेश प्रजापति ने प्रधानमंत्री से लेकर सीएम योगी तक से शिकायत की है। वहीं, पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता उदित राज ने भी उनको अपने निशाने पर लिया है।
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बीजेपी विधायक बृजेश प्रजापति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मामले की शिकायत की है। विधायक ने पत्र में कहा कि बांदा कृषि विश्वविद्यालय में जो प्रवक्ता के पद पर हुई नियुक्त की गई है, उसमें आरक्षण रोस्टर का नियमों का अनुपालन नहीं किया गया है।
बृजेश प्रजापति ने कहा कि संविधान कहता है कि सभी को बराबर का अवसर मिलना चाहिए, लेकिन विश्वविद्यालय की भर्ती में सामान्य अवसर सभी समुदाय को नहीं मिला है। एक विशेष जाति को लोगों को नियुक्त किया गया है। इतना ही नहीं बांदा कृषि विश्वविद्यालय की ओर से भर्ती के लिए जो विज्ञापन निकाले गए हैं, इसमें गंभीर अनियमितताएं हैं।
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उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में हुई अनियमितताओं को लेकर हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री तक को लेटर लिखकर उनके संज्ञान में लाए हैं ताकि इसकी जांच हो सके। हालांकि, विधायक के पत्र का अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। उन्होंने कहा कि अगर मामले की जांच नहीं होती है तो वो दोबारा से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पत्र लिखेंगे।
विश्वविद्यालय में 11 पदों पर ठाकुर समुदाय के लोगों की भर्ती किए जाने का मामला तूल पकड़ रहा है। इस मामले में उदित राज ने ट्वीट कर कहा कि हजारों साल से जाति ही मेरिट रही है और अभी चालू है। वहीं, समाजवादी पार्टी के नेता बृजेश यादव ने भी ट्वीट कर योगी सरकार आरक्षण विरोधी करार दिया है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के द्वारा की गई भर्ती की लिस्ट भी लगाई है।
बांदा कृषि विश्वविद्यालय की भर्ती के मामले को तूल पकड़ते देख कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही को पहले विश्वास ही नहीं हुआ और लेकिन बाद में उन्होंने पूरे मामले में जांच के आदेश भी दे दिए। कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक प्रशासन डॉ वीके सिंह हैं, उनकी प्रतिक्रिया का भी लोगों को इंतजार है।