नई दिल्ली। लद्दाख में सीमा विवाद और चीन के साथ 1962 के बाद अब तक के सबसे बड़े तनाव के बीच सरकार ने बुधवार को सैन्य बलों को फौरन अपनी तात्कालिक जरूरतों को देखते हुए 300 करोड़ रुपये तक के हथियार और गोला-बारुद खरीदने की इजाजत दी है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस बात की जानकारी दी।
मंत्रालय की तरफ से एक बयान में कहा गया यह खरीद की समय-सीमा को घटाएगा और छह महीने के भीतर आदेशों की पूर्ति सुनिश्चित करेगा और एक साल की भीतर डिलीवरी शुरू कर देगा।
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यह फैसला रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई रक्षा अधिग्रहण परिषद (डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल) में लिया गया। मंत्रालय ने कहा कि नॉर्दर्न बॉर्डर्स पर पैदा हुए सुरक्षा के हालात और सीमाओं पर आर्म्ड फोर्सेज को मजबूत करने को लेकर विशेष बैठक बुलाई गई।
इससे पहले, रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 2 जुलाई (गुरुवार) को 38,900 करोड़ रुपये के हथियार और गोला-बारुद खरीदने की स्वीकृति दी थी। इसमें लड़ाकू विमानों की कमी से जूझ रही भारतीय वायुसेना के लिए 33 नए लड़ाकू विमान शामिल है।