भारतीय सेना ने चीन और पाकिस्तान की सीमा पर अपने सैनिकों की तैनाती को और मजबूत किया है। सेना ने अपनी इकलौती माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स में लगभग 10 हजार और सैनिक शामिल किये हैं।
भारतीय सेना के यह जांबाज जवान दोनों देशों की सीमाओं पर पैनी नजर रखेंगे। सीमा सुरक्षा को नए सिरे से संतुलित करने की कवायद के तहत इन्हें दोहरी जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन उन्हें चीन बॉर्डर पर ज्यादा फोकस करने को कहा गया है।
भारतीय सेना अब अपने युद्ध के तौर-तरीकों में बदलाव करके ‘टू फ्रंट वार’ के लिहाज से खुद को तैयार करना चाहती है ताकि वह चीन और पाकिस्तान दोनों के खिलाफ एक साथ मुकाबला कर सके। मौजूदा समय में पश्चिमी सीमा एलओसी पर तीन आक्रामक स्ट्राइक कोर तैनात हैं, लेकिन उत्तरी सीमा एलएसी के लिए केवल एक आक्रमणकारी माउंटेन स्ट्राइक कोर को तैयार किया गया है।
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यानी एलएसी पर सेना को और मजबूत किये जाने की जरूरत को देखते हुए पूर्वी बंगाल में स्थित मौजूदा डिवीजन 17 माउंटेन स्ट्राइक कोर को 10 हजार सैनिक सौंपे गए हैं। केंद्र सरकार ने माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स को लगभग एक दशक पहले मंजूरी दी थी लेकिन इसके साथ केवल एक डिवीजन जुड़ी थी। अब सेना के नए कदम के साथ यह अपने काम को बेहद सटीकता और कुशलता के साथ अंजाम दे सकेगी।
भारतीय सेना ने अपने एकमात्र पर्वतीय स्ट्राइक कॉर्प्स में लगभग 10 हजार और सैनिकों को शामिल किया है, जो चीन सीमा के लिए जिम्मेदार होंगे। हालांकि यह कदम चीन और पाकिस्तान की सीमा को मजबूत करने के लिए उठाया गया है, लेकिन माउंटेन स्ट्राइक कोर चीनी सीमा की ओर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा गया है। भारत-चीन सीमा पर पिछले साल से दोनों देशों के बड़ी संख्या में सैनिक तैनात हैं।
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इस बीच भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा बलों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ लद्दाख सेक्टर और अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में ग्रीष्मकालीन तैनाती पर वापस लौटना शुरू कर दिया है। चीन सीमा पर गतिरोध शुरू होने के बाद सेना के सामने कई चुनौतियां पैदा हुईं हैं, जिससे कई असंतुलन भी पैदा हुए हैं।
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच पनागर (पश्चिम बंगाल) स्थित माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स की एक और आर्टिलरी ब्रिगेड तैनात होगी। हालांकि यहां एक आर्टिलरी ब्रिगेड पहले से ही माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स के डिवीजन से जुड़ी हुई है, लेकिन नई ब्रिगेड को कोर से जोड़ा जाएगा। माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स की अभी तक सिर्फ एक डिवीजन है। आमतौर पर सेना में एक डिवीजन का गठन तीन ब्रिगेड को मिलाकर किया जाता है, जिसमें बख्तरबंद, पैदल सेना और तोपखाने की इकाइयां शामिल होती हैं। इसके बाद दो या दो से अधिक डिवीजन मिलकर एक कोर बनती है। भारतीय सेना की योजना एक पूर्ण माउंटेन स्ट्राइक कोर बनाने की है, जिसमें 90 हजार से अधिक सैनिक शामिल होंगे।