लखनऊ। यूपी एसटीएफ (STF) ने विभिन्न कार एजेंसियों के मालिक बनकर फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग कर विभिन्न बैंकों व कार एजेंसियों से धोखाधड़ी कर आरटीजीएस और नेट बैंकिंग के जरिये करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले संगठित गिरोह के सरगना सहित चार अभियुक्तों को लखनऊ के बीबीडी थाना क्षेत्र से इलाके से गिरफ्तार (Arrested) किया है।
गिरफ्तार किये गये जालसाजों मेें रानू कुमार सिंह, राहुल कुमार सिंह, निहाल कुमार सिंह और पंकज कुमार साह हैं। ये सभी बिहार प्रदेश के रहने वाले हैं। इनके पास से एटीएम कार्ड, 2 आधार कार्ड, 2 आधार कार्ड की छाया प्रति, पैन कार्ड, निर्वाचन कार्ड, 3 सिम कार्ड, 6 मोबाइल फोन, वर्क एकाउन्ट नम्बरों की सूची और 1,850 रुपये बरामद हुए हैं। इन सभी को एचडीएफसी बैंक एटीएम के पास विभूतिखण्ड से गिरफ्तार किया गया।
करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड गिरफ्तार
दरअसल एसटीएफ की टीम को अभिसूचना संकलन के दौरान जानकारी मिली कि गत 19 जनवरी 2022 को एसआरएम स्मार्ट हुप्स प्रा.लि. (मसेर्डीज वेंज कार एजेंसी लखनऊ) का मालिक बनकर, सुगोइ मोटर्स प्रालि (होंडा कार एजेंसी दिल्ली) का चीफ फाइनेंस आफिसर बनकर, आरटीजीएस व नेट बैंकिंग के माध्यम से 14 फर्जी बैंक खातों का प्रयोग कर क्रमश: 18,40,000 (अठ्ठारह लाख चालीस हजार) व 58,00,000 (अठ्ठावन लाख) की ठगी की गयी, जिस पर मुख्यालय स्थित टीम द्वारा विभिन्न बैंकों से समन्वय स्थापित कर अलग-अलग बैंक खातों का विश्लेषण करते हुए कुल 25,63,200 (पच्चीस लाख तिरसठ हजार दो सौ) विभिन्न बैंक खातों मे फ्रीज करा दिये गये। एसआरएम स्मार्ट हुप्स प्रालि (मसेर्डीज वेंज कार एजेंसी लखनऊ) द्वारा इस धोखाधड़ी के सम्बन्ध में इन कम्पनी के एकाउन्टेंट उत्तम कुमार सिंह द्वारा थाना बीबीडी पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ पर केस दर्ज कराया गया, जिसमें उल्लेख किया गया कि मेरे पास मेरी कम्पनी के डायरेक्टर की फोटो लगा मैसेज आया कि आज की आरटीजीएस डिटेल भेजो और दो चेकों की फोटो मांगी गयी, इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक जहां कम्पनी का बैंक खाता है वहां के चीफ मैनेजर द्वारा कॉल कर बताया गया कि आपके मालिक ने चेक भेजकर 18,40,000 (अठ्ठारह लाख चालीस हजार) का आरटीजीएस कराया है। जब मेरे द्वारा कम्पनी के डायरेक्टर से बात कर पूछा गया तो पता चला कि किसी ने कम्पनी व बैंक के साथ धोखधड़ी कर ठगी कर ली है।
वायुसेना की वर्दी के माध्यम से ऑनलाइन ठगी करने वाला गिरफ्तार
इस संबंध में साइबर टीम एसटीएफ द्वारा प्रकरण पर तकनीकी एवं मुखबिर के माध्यम से सूचना संकलित की गयी एवं दर्ज केस को वर्कआउट करते हुए साइबर टीम एसटीएफ मुख्यालय लखनऊ व थाना बीबीडी पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ की संयुक्त टीम द्वारा एचडीएफसी बैंक एटीएम के पास विभूतिखण्ड लखनऊ से इस ठगी करने वाले संगठित गिरोह के सरगना सहित 4 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। गिरोह के सरगना रानू सिंह ने पूछताछ मे बताया कि सितम्बर 2020 में थाना बढ़रिया, सिवान से कैश व बाइक लूट में राहुल सिंह के साथ जेल जा चुका है एवं एक बार एक व्यक्ति को गोली मारने में भी जेल जा चुका है। जेल से छूटने के बाद नवम्बर 2021 में उसकी मुलाकात सुमित शर्मा निवासी ग्राम लक्षवार गोपालगंज से हुई। सुमित ने बताया की वे लोग विभिन्न माध्यमों से बैंक खातों से पैसे निकालने का काम करते हैं, जिससे की बहुत पैसा मिलता है। वह लोग कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग कर फर्जी बैंक खाते खुलवाते हैं और विभिन्न कार एजेंसियों के मालिक बनकर अपने फर्जी बैंक खातों मे बैंकों से धोखाधड़ी कर पैसे ट्रांसफर कराकर, इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से कई खातों में कुछ ही मिनटों मे रुपए ट्रांसफर कर अलग अलग शहरों में एटीएम से निकलवा लेते है। इसके बाद वह लालच में आकर अपने दोस्त कपूर, प्रिंसराज, निहाल सिंह, राहुल, पंकज आदि के साथ मिलकर एटीएम से रुपए निकालने का काम कर रहा था। दिसम्बर 2021 में गोपालगंज से उन लोगों ने आईसीआईसीआई के एटीएम से 4.50 लाख व 6 लाख रुपये निकाले थे। इसी प्रकार 2-3 जनवरी 2022 को 03 लाख रुपए सिवान से, 19 जनवरी 2022 को 13 लाख रुपए दिल्ली से, 21 से 24 जनवरी के बीच 03 लाख रुपए सिवान स्टेशन के पास से, 10 से 15 फरवरी 2022 के बीच गोपालगंज से 01 लाख 98 हजार रुपए, 28 फरवरी से 02 मार्च 2022 को मयूर बिहार दिल्ली से 4.5 लाख रुपए, 05 मार्च 2022 को 9.50 लाख रुपए निजामुद्दीन दिल्ली से, 07 मार्च 2022 को 06 लाख रुपए गोमतीनगर लखनऊ से निकले और रात में ही वह लोग सुमित के साथ ठगी करने वाले तौशीब की कार से बस्ती और गोरखपुर के बीच गये जहॉ पर प्रिन्स अपनी कार से कपूर के साथ गोपालगंज बिहार से आकर मिला। उन लोगों ने 06 सिम कार्ड, 02 मोबाइल व 01 एटीएम कार्ड दिया और बताया कि फिर पैसा आयेगा तो निकाल लेना तथा पूर्व के जितने पैसे उन लोगों ने निकाले थे उन पैसा को वह लोग लेकर चले गये।
पुलिस का कहना है कि इस गिरोह का जाल दिल्ली, एनसीआर, लखनऊ, गोपालगंज बिहार आदि क्षेत्रों में फैला हुआ है। गिरफ्तार अभियुक्तों की अन्य आपराधिक गतिविधियो के सम्बन्ध में जानकारी की जा रही है। फर्जी बैंक एकाउन्ट किस प्रकार से खोले गये हैं व बैंक कर्मियों की मिली भगत के सम्बन्ध में भी जॉच की जा रही है। इनके द्वारा फर्जी तरीके से खोले गये बैंकों एकाउन्ट डिटेल प्राप्त करके कुल धोखाधड़ी के सम्बन्ध मे भी जानकारी की जा रही है।