लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर द्वारा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज को जायज ठहराने के बाद परिषद कार्यकर्ताओं ने उनके सरकारी आवास पर बुधवार की देर रात विरोध प्रदर्शन किया। परिषद का विरोध बढ़ता देख दूसरे दिन गुरुवार को सुबह ओपी राजभर के बेटे अरुण राजभर (Arun Rajbhar) ने एबीवीपी के पक्ष में ट्वीट कर इस पूरे प्रकरण को ठंडा करने की कोशिश की है।
गुरुवार को सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट करते हुए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ( सुभासपा) के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण राजभर (Arun Rajbhar) ने कहा कि रामस्वरूप विश्वविद्यालय, बाराबंकी में ए.बी.वी.पी. से जुड़े एल.एल.बी. छात्रों पर प्रशासन द्वारा की गई कार्यवाही और लाठीचार्ज अत्यंत निंदनीय एवं शर्मनाक है। अभाविप हमेशा छात्रों के हित में कार्य करती है। शिक्षा के मंदिर में पढ़ाई करने वाले छात्रों के साथ इस प्रकार का बर्ताव किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं ठहराया जा सकता।
राजभर ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा बिना उचित अनुमति और मान्यता के एल.एल.बी. की पढ़ाई कराना छात्रों के भविष्य के साथ सीधा खिलवाड़ है। जब शिक्षा संस्थान ही इस तरह की अनियमितताओं में लिप्त होंगे तो छात्र अपने भविष्य को लेकर असुरक्षित महसूस करेंगे। यह केवल शैक्षणिक गलती नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ी के सपनों और करियर पर आघात है।
उन्होंने कहा कि छात्रों पर लाठीचार्ज कर उनकी आवाज़ को दबाने की कोशिश करना लोकतांत्रिक मूल्यों का खुला उल्लंघन है। छात्रों की समस्याओं का समाधान वार्ता और संवाद से निकलना चाहिए, न कि बल प्रयोग से।
अरुण राजभर (Arun Rajbhar) ने सरकार से मांग की है कि पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच कराई जाए। दोषी अधिकारियों एवं विश्वविद्यालय प्रशासन पर कठोर कार्रवाई की जाए। छात्रों के भविष्य की रक्षा हेतु ठोस कदम उठाए जाएँ और शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी सदैव छात्रों और युवाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रही है और आगे भी छात्रों की हर लड़ाई में उनके साथ खड़ी रहेगी।