नई दिल्ली। फिनटेक कंपनी भारतपे (BharatPe) और अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover) का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा घटनाक्रम में कंपनी (BharatPe) के बोर्ड ने ग्रोवर (Ashneer Grover) को सभी पदों से हटाने का निर्णय लिया है। बोर्ड की बैठक के बाद कंपनी ने बुधवार को एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। इसके साथ ही कंपनी ने यह भी बताया कि फाइनेंशियल मिसडीड को लेकर वह ग्रोवर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने वाली है।
इससे एक दिन पहले ग्रोवर ने बोर्ड के नाम इमोशनल लेटर लिखकर इस्तीफा दे दिया था। ग्रोवर ने रिजाइन करते हुए लेटर में कई भावुक बातें की थीं और मौजूदा बोर्ड पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने लिखा था, ‘मैं दुख के साथ यह लेटर लिख रहा हूं क्योंकि मैंने जो कंपनी बनाई, मुझे उसी को छोड़ना पड़ रहा है। हालांकि मुझे इस बात का गौरव है कि आज भारतपे फिनटेक की दुनिया में लीडर है। इस साल की शुरुआत से मुझे और मेरे परिवार को आधारहीन बातों में उलझाया गया। कंपनी में जो भी ऐसे लोग हैं, वे मेरी छवि खराब करना चाहते हैं। वे कंपनी को प्रोटेक्ट करने का दिखावा भले ही कर रहे हैं, लेकिन वे भारतपे को भी नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।’
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कंपनी ने बयान में कहा, भारतपे अपने कर्मचारियों और ग्राहकों के लिए पूरी तरह से कमिटेड है। कंपनी आगे भी भारत में फिनटेक लीडर बने रहने की दिशा में काम करेगी। कंपनी ने संचालन के उच्च मानकों को लागू करने के लिए शिकायतों पर आंतरिक जांच का निर्देश दिया है। यह जांच इंडिपेंडेंट एक्सटर्नल एडवाइजर्स कर रहे हैं।
भारतपे ने आरोप लगाया कि जैसे ही ग्रोवर को यह बताया गया कि बोर्ड की बैठक में जांच के परिणाम रखे जाने वाले हैं, उन्होंने फटाफट ईमेल भेजकर इस्तीफा दे दिया। भरतपे ने कहा, ‘ग्रोवर ने बोर्ड बैठक का एजेंडा मिलने के कुछ मिनट बाद ही भारतपे के प्रबंध निदेशक और बोर्ड निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया। एजेंडा में उनके आचरण के बारे में पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट को प्रस्तुत करना और उसके आधार पर कार्रवाई करने का विचार करना शामिल था। रिपोर्ट के निष्कर्ष के आधार पर बोर्ड के पास कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित है।’