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अशरफ गनी ने देश से मांगी माफी, कहा- काबुल छोड़ना सबसे कठिन फैसला था

ashraf ghani

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अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के गठन के बाद अपदस्थ राष्ट्रपति अशरफ गनी का ताजा बयान आया है। उन्होंने अफगान के बाशिंदों से 15 अगस्त को अचानक देश छोड़ने और शांति-स्थिरता सुनिश्चित नहीं कर पाने के लिए माफी मांगी है।

बुधवार को बयान जारी करके अशरफ गनी ने कहा गया, “काबुल छोड़ना मेरे जीवन का सबसे कठिन फैसला था, लेकिन मेरा मानना था कि कत्लेआम रोकने और 60 लाख नागरिकों को बचाने का यही एकमात्र रास्ता है।”

गनी ने कहा कि अफगान लोगों के लाखों डॉलर लेकर भागने का आरोप बेबुनियाद है। भ्रष्ट्राचार से लड़ना राष्ट्रपति के तौर पर मेरा प्रमुख मकसद रहा था। मैंने अपनी सारी संपत्ति सावर्जनिक रूप से घोषित कर दी है। मैं अपने बयानों की सत्यता को साबित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के तहत आधिकारिक ऑडिट या वित्तीय जांच का स्वागत करता हूं।

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आगे उन्होंने कहा कि मेरा अपना अध्याय मेरे पूर्ववर्तियों की तरह त्रासदी में समाप्त हो गया। अफगानिस्तान के लोगों से माफी मांगता हूं कि मैं स्थिरता-शांति सुनिश्चित करने में नाकाम रहा। बता दें कि अशरफ गनी पर तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान से भागने के आरोप लग रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया था कि वह बहुत सारा पैसा लेकर काबुल से निकले हैं।

अफगानिस्तान में मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंदजादा के नेतृत्व में तालिबान की अंतरिम सरकार का गठन हो गया है। मंगलवार को तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मुल्ला मुहम्मद हसन अखुंदजादा सरकार के मुखिया होंगे और मुल्ला अब्दुल गनी बरादर सरकार में उपप्रमुख होंगे। अखुंदजादा की अगुवाई वाले सरकार में मुल्ला याकूब रक्षा मंत्री और सिराजुद्दीन हक्कानी गृहमंत्री होंगे।

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