नई दिल्ली। कपिल देव (Kapil Dev) के 434 टेस्ट विकेटों का रिकॉर्ड तोड़ने वाले भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ashwin) ने खुलासा किया है कि शुरुआत में वह एक बल्लेबाज बनना चाहते थे और जब वह छोटे थे तो अगले ‘कपिल पाजी’(Kapil Dev) बनने के लिए वह मीडियम गति से गेंदबाजी किया करते थे। अश्विन (Ashwin) भारत की ओर से टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज बन गए हैं। उन्होंने दिग्गज ऑलराउंडर और पहले वर्ल्ड कप विजेता कप्तान कपिल देव को पीछे छोड़कर यह उपलब्धि हासिल की। अश्विन (Ashwin) ने श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में यह कारनामा किया था, जोकि उनके करियर का 85वां मैच था।
लॉर्ड्स में सिराज ने रचा दिया इतिहास, तोड़ा कपिल देव का 39 साल पुराना रिकॉर्ड
अनुभवी स्पिनर अश्विन (Ashwin) ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘बहुत खुशी महसूस कर रहा हूं। 28 साल पहले, मैं पिता जी के साथ कपिल पाजी को चीयर कर रहा था, जब उन्होंने रिचर्ड हैडली के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा था। यहां तक कि अपने सपने में भी, मैंने कभी कपिल देव (Kapil Dev) के विकेटों की संख्या को पार करने के बारे में नहीं सोचा था क्योंकि मैं हमेशा एक बल्लेबाज बनना चाहता था, खासकर तब से ही जब मैंने आठ साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया था। 1994 में, बल्लेबाजी मेरा पंसदीदा था। सचिन तेंदुलकर उस समय विश्व क्रिकेट में उभर रहे थे और कपिल देव, खुद एक गेंद के एक शानदार स्ट्राइकर थे।’
38 साल पहले भारत ने रचा था इतिहास, कपिल देव की कप्तानी में बना था विश्व विजेता
कपिल देव (Kapil Dev) ने 131 टेस्ट मैचों में 434 विकेट चटकाए थे। भारत के लिए इस समय सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने का रिकॉर्ड अनिल कुंबले के नाम है। कुंबले ने 132 टेस्ट मैचों में भारत की ओर से सर्वाधिक 619 विकेट चटकाए हैं। अश्विन 400 से ज्यादा विकेट लेने वाले चौथे भारतीय स्पिनर हैं। इसके अलावा वह टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले नौवें गेंदबाज बन गए हैं। उन्होंने हाल में कपिल देव (Kapil Dev) के अलावा न्यूजीलैंड के रिचर्ड हेडली और श्रीलंका के रंगना हेराथ का भी रिकॉर्ड तोड़ा था।
ब्रेड हॉग ने भारतीय स्पिनर आर अश्विन के लिए कि भविष्यवाणि, बोले श्रीलंका…
अश्विन ने कहा, ‘वास्तव में, मैं अपने पिता की सलाह पर मीडियम तेज गति से गेंदबाजी करता था ताकि मैं अगला कपिल पाजी बनने की कोशिश कर सकूं। तब से मैंने, एक ऑफ स्पिनर बनने और इतने सालों तक भारत का प्रतिनिधित्व करने के बारे में कभी नहीं सोचा था। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत के लिए खेलूंगा। अपनी इस उपलब्धि को पाकर मैं बहुत खुश हूं।’