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बालू खनन मामले में ASP सस्पेंड, DM पर भी गिरी गाज

मध्य प्रदेश से होकर बांदा से गुजरने वाले बालू भरे ट्रकों को पास कराने में अपर पुलिस अधीक्षक महेंद्र सिंह चौहान की भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर एसटीएफ उत्तर प्रदेश द्वारा जांच की गई, जांच में दोषी पाए जाने पर उन्हें अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी द्वारा तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए गए हैं।

अपर पुलिस अधीक्षक महेंद्र प्रताप सिंह चौहान ने बांदा में तैनाती के बाद बालू माफियाओं से संबंध बना लिए थे, जो बालू भरे ट्रकों तो बांदा की सीमा से पास कराने में अहम भूमिका अदा कर रहे थे। इस आशय की शिकायत जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई थी, जिसके आधार पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तर प्रदेश द्वारा द्वारा उनकी जांच कराई गई। जांच में अपर एसपी और बालू माफियाओं के बीच सांठगांठ पाई गई, जिसके आधार पर उन्हें निलंबित कर दिया गया। साथ ही जिले के डीएम आनंद कुमार सिंह को भी हटा दिया गया है।

जांच में पाया गया कि मुख्यालय स्थल से एक मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया जाता था, जो एसपी सिंह के नाम का बताया गया है। इस मोबाइल फोन के जरिए ट्रकों को पास कराया जाता था, यह शिकायत मिलने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उ.प्र. द्वारा अपर एसपी और बालू माफियाओं के बीच सांठगांठ की जांच कराई गई। जांच में एस पी सिंह द्वारा मध्य प्रदेश में खनन की जाने वाली मौरंग को उत्तर प्रदेश की सीमा में अवैध तरीके से प्रवेश कराने का कार्य किया जाना पाया गया। जांच में यह भी पाया गया कि उत्तर प्रदेश की सीमा में जनपद बांदा के थाना गिरवा व नरैनी में प्रवेश करवाने व जनपद से भी गाड़ियां पास करवाने के संबंध में उक्त एसपी सिंह द्वारा वार्ता में कई बार अपर पुलिस अधीक्षक से मिलने का उल्लेख किया गया है।

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इस जांच के बाद अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी के आदेश पर महेंद्र प्रताप चौहान को तत्काल निलंबित कर दिया गया है। इस संबंध में अपर पुलिस अधीक्षक अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी द्वारा दिए गए आदेश में कहा गया है कि श्री चौहान द्वारा पूर्ण मनोयोग से जनपद में अवैध खनन व परिवहन कराने वाले माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई कराई जाती, तो इस प्रकार के गंभीर तथ्य प्रकाश में न आते। परंतु इनके द्वारा ऐसा नहीं किया गया, जिससे इनकी घोर लापरवाही उजागर हुई।

बालू खनन के मामले में जहां अपर पुलिस अधीक्षक पर निलंबन की गाज गिरी है, वही जिलाधिकारी आनंद कुमार सिंह भी अपने कार्यकाल में जनता को संतुष्ट नहीं कर पाए, जिससे उन्हें भी जिले से स्थानांतरित कर दिया गया है।

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