नई दिल्ली। इस साल देश के चार राज्यों (पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, और असम) एक केंद्र शासित प्रदेश (पुडुचेरी) में विधानसभा चुनाव होने हैं। यह जानकारी ने बताया कि भारतीय निर्वाचन आयोग इन राज्यों में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा 15 फरवरी के बाद कभी भी कर सकता है।
आयोग फिलहाल चुनावों की तैयारियों का जायजा लेने के लिए दक्षिणी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की यात्रा पर है। आयोग की दक्षिणी राज्यों की यात्रा 15 फरवरी को संपन्न होगी। जिसके बाद इन राज्यों के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की जा सकती है।
निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने बताया कि चुनाव पैनल फरवरी अंत या मार्च की शुरुआत में इन राज्यों के लिए विस्तृत चुनाव कार्यक्रम का एलान कर सकता है। सूत्रों ने कहा कि तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में एक चरण में मतदान होगा। पश्चिम बंगा में छह से आठ चरणों में मतदान हो सकता है। असम में इसकी संख्या दो से तीन तक जा रह सकती है। सभी राज्यों में मतगणना एक ही दिन की जाएगी। आयोग की योजना सभी चुनाव एक मई से पहले कराने की है, जब से सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी।
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बता दें कि आयोग के अधिकारी असम और पश्चिम बंगाल का पहले ही दौरा कर चुके हैं। इन चारों राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी की विधानसभाओं का कार्यकाल मई से जून के बीच में समाप्त होने वाला है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा, चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा और राजीव कुमार 10 और 11 फरवरी को तमिलनाडु में रहेंगे। 12 फरवरी को ये लोग पुडुचेरी में रहेंगे और 13 व 14 फरवरी को केरल पहुंच वहां के चुनाव व प्रशासनिक अधिकारियों से बात करके चुनावी तैयारियों का जायजा लेंगे।
आयोग अन्य राजनीतिक दलों के साथ भी चर्चा करेगा। चुनाव आयोग सामान्य तौर पर चुनावी कार्यक्रम की घोषणा से पहले राज्यों का दौरा करता है। बिहार के मामले में सिर्फ ऐसा हुआ जब कार्यक्रम की घोषणा के बाद आयोग ने राज्य का दौरा किया था।
बंगाल में फर्जी मतदाताओं की पहचान के लिए ईसीआई एप का हो सकता है इस्तेमाल
पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव में फर्जी मतदाताओं की पहचान करने, एवं चुनाव प्रक्रिया के ब्योरे तत्काल सामने लाने के लिए निर्वाचन आयोग अपने बूथ मोबाइल एप का पूरी तरह से इस्तेमाल कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो पश्चिम बंगाल पहला राज्य होगा जहां की चुनावी प्रक्रिया में इस एप का पूरी तरह से इस्तेमाल किया जाएगा।