लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा (AK Sharma) से आश्वासन मिलने के बाद बिजली कर्मियों ने चार अप्रैल से सामूहिक अवकाश पर जाने का इरादा टाल दिया है।
उप्र राज्य विद्युत परिषद अभियन्ता संघ व जूनियर इंजीनियर संगठन के प्रतिनिधियों ने शनिवार को ऊर्जा मंत्री से मुलाकात की। संघ के महासचिव प्रभात सिंह ने बताया कि संगठनों के प्रतिनिधियों ने ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन के तानाशाही पूर्ण दमनात्मक रवैये, शीर्ष स्तर पर भ्रष्टाचार और ऊर्जा निगमों में व्याप्त भय के वातावरण के बारे में विस्तार से ऊर्जा मन्त्री को बताया और सभी मुद्दों पर लिखित ज्ञापन दिया।
उन्होने बताया कि श्री शर्मा ने संगठनों के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि बिजली व्यवस्था में सुधार के लिये सभी संगठनों का सहयोग लिया जायेगा और न केवल कार्य का स्वस्थ वातावरण बनाया जायेगा बल्कि कार्य का बेहतर वातावरण बनाया जायेगा।
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ऊर्जा मन्त्री ने यह भी निर्देश दिये कि संगठनों द्वारा उठाये गये भ्रष्टाचार के मामलों विशेषतया ईआरपी घोटाला, स्मार्ट मीटर खरीद, सबसे सस्ती बिजली देने वाले उत्पादन निगम को कोयला खरीदने के लिए धनराशि न देना और बाजार से 21 रु प्रति यूनिट की बिजली खरीद, बड़ी संख्या में सलाहकारों की नियुक्ति पर ऊर्जा निगमों का प्रबन्धन लिखित टिप्पणी दे जिससे इस पर कार्यवाही की जा सके।
श्री सिंह ने बताया कि उत्पीड़नात्मक अन्य कार्यवाहियों और सेवा शर्तों में प्रतिगामी संशोधनों के समाधान के लिये ऊर्जा मंत्री ने संगठनों को स्पष्ट आश्वासन दिया। आन्दोलन के कारण किसी भी कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर व अभियंता पर कोई उत्पीड़नात्मक कार्यवाही नही की जायेगी।