एक रीयल एस्टेट कारोबारी के अपहरण से जुड़े मामले में सीबीआई जांच का सामना कर रहे माफिया अतीक अहमद के बेटे मोहम्मद उमर की अंतरिम जमानत की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दिया है। उमर ने सीबीआई की गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका लगाई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि 23 जुलाई, 2019 को गैर जमानती वारंट जारी हुआ था, जांच एजेंसी आपको पकड़ने में नाकाम है और आप हमारे पास अग्रिम ज़मानत याचिका के लिए आए हैं, आपकी याचिका खारिज की जाती है।
उमर ने सीबीआई की गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। बता दें कि उमर पर सीबीआई ने दो लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है। कुछ माह पहले उसकी फोटो सीबीआई ने पूरे शहर में लगवा दी थी। प्रदेश की देवरिया जेल में 2018 में अतीक अहमद बंद था। उस दौरान अतीक के गुर्गों ने रीयल एस्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल का अपहरण कर लिया था।
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मोहित को उसी की गाड़ी से देवरिया जेल ले जाया गाया था। इसके बाद अतीक ने मोहित की पिटाई करवाई और उसकी दो कंपनियों को जबरन अपने गुर्गों के नाम करवा लिया था। जिसके बाद मोहित ने उमर पर धमकी और जबरन कंपनी ट्रांसफर कराने का आरोप लगाते हुए लखनऊ के कृष्णानगर थाने में केस दर्ज कराया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने 12 जून 2019 को अतीक अहमद समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। उसी समय से उमर फरार चल रहा है।