फ्राड की रकम हवाला के जरिए पाकिस्तानी हैंडलर को भेजने के मामले में गोरखपुर से गिरफ्तार किये गये दिनेश कुमार सिंह के अन्य करीबी साथियों के बारे में यूपी एटीएस पड़ताल कर रही है। एटीएस अफसरों का मानना है कि इस अवैध कारोबार में दिनेश के साथ और भी लोग हो सकते हैं।
गोरखपुर का मूल निवासी दिनेश कुमार सिंह उर्फ अजय सिंह इस मामले में तीन साल से फरार चल रहा था। उस पर 50 हजार रुपये का पुरस्कार भी घोषित था। गिरफ्तारी के बाद एटीएस के अफसरों से उससे गहन पूछताछ की। पूछताछ में उसने कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी। उसके द्वारा बताये गये तथ्यों को एटीएस तस्दीक कर रही है।
बता दें कि तीन साल पहले यूपी एटीएस ने खुलासा किया था कि लॉटरी के नाम पर ठगी का शिकार कर लोगों से पैसे वसूले जाते थे। यह पैसे विभिन्न खातों में जमा कराए जाते थे और फिर इन पैसों को निकाल कर दिल्ली से हवाला के जरिए पाकिस्तानी हैंडलर को भेज दिए जाते थे। इस मामले में एटीएस ने मार्च 2018 में अलग-अलग जिलों से 6 लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें अरशद नईम, नसीम अहमद, मुकेश प्रसाद, मुशर्रफ अंसारी उर्फ निखिल राय, सुशील राय और दयानंद यादव को गिरफ्तार किया था और इनके पास से 46 लाख रुपये बरामद किए थे। इस मामले में प्रकाश में आए दिनेश कुमार सिंह को तीन साल बाद गोरखपुर से गिरफ्तार किया गया है।
एटीएस के अधिकारियों ने बताया कि पूर्व में गिरफ्तार किए गए अभियुक्त पाकिस्तानी हैंडलर के कहने पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विभिन्न बैंको में खाता खुलवाकर उनमें फ्राड के पैसे जमा करवाते थे। बाद में उस पैसे को निकाल कर हवाला के माध्यम से पाकिस्तानी हैंडलर को पहुंचाते थे।
गिरफ्तार किया गया दिनेश कुमार सिंह मुशर्रफ के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विभिन्न नाम से विभिन्न बैंकों में खाता खुलवाता था तथा उन खातों के एटीएम व पासबुक मुशर्रफ को दे देता था। मुशर्रफ खातों से पैसे निकाल कर हवाला के जरिए पाकिस्तानी हैंडलर को भेज देता था। इस गिरोह के द्वारा 150 से अधिक बैंक खाते फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खोला गया। जिनमें लाखो रुपए का लेन-देन हुआ।