म्यांमार के रहने वाले रोहिंग्या अजीजुलहक के मददगारों पर एटीएस का शिकंजा कसता जा रहा है। फर्जी मार्कशीट बनवाने वाले अब्दुल मन्नान की गिरफ्तारी के बाद एटीएस ने अब पासपोर्ट बनवाने वाले नरेश को भी गिरफ्तार कर लिया है। एटीएस ने उसे शुक्रवार को अहमदाबाद से दबोचा। इस बीच साइबर फ्रॉड के एक अन्य मामले में एटीएस ने शुक्रवार को मुरादाबाद, अमरोहा व संभल में भी छापा मारा।
सूत्रों के अनुसार एटीएस को इनपुट मिला था कि अजीजुलहक की गिरफ्तारी के बाद नरेश ने गुजरात में शरण ले ली। उसकी लोकेशन की जानकारी के बाद एक टीम गुजरात भेजी गई थी। इस टीम ने शुक्रवार को अहमदाबाद में कुछ ठिकानों पर छापेमारी की। देर शाम उसे अहमदाबाद से ही गिरफ्तार कर लिया गया। जांच के दौरान पता चला था कि संतकबीरनगर के रहने वाले नरेश ने ही अजीजुलहक का पासपोर्ट बनवाया था। इससे पहले पिछले शनिवार को एटीएस ने अजीजुलहक की फर्जी मार्कशीट बनवाने अब्दुल मन्नान को संतकबीरनगर जिले के खलीलाबाद कस्बे से गिरफ्तार किया था।
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अब्दुल मन्नान नगरपालिका में तकनीकी सहायक के पद पर तैनात है। रिमांड पर पूछताछ के दौरान एटीएस अजीजुलहक को लेकर खलीलाबाद गई थी। उसी ने अब्दुल मन्नान की पहचान की थी और बताया था कि मन्नान की मदद से ही उसकी हाईस्कूल की मार्कशीट बनी थी। कोर्ट ने अब्दुल मन्नान की सात दिनों की कस्टडी रिमांड भी मंजूर कर दी है। एटीएस इस समय उससे पूछताछ कर रही है। अजीजुलहक के टेरर फंडिंग नेटवर्क से भी जुड़े होने की आशंका है। वह सऊदी अरब और बांग्लादेश की यात्रा भी कर चुका है। उसके बैंक खातों में देश के अलग-अलग प्रांतों और विदेशों से 25 लाख रुपये भेजे जाने की जानकारी भी मिल चुकी है।
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साइबर फ्रॉड के एक मामले में भी एटीएस गहराई से छानबीन में जुट गई है। अभी यह जानकारी गोपनीय रखी जा रही है कि इस मामले के तार किस घटना से जुड़े हैं लेकिन शुक्रवार को एटीएस की टीमों ने एक साथ मुरादाबाद, अमरोह व संभल में कुछ ठिकानों पर छापे मारे। इन छापों का टेरर फंडिंग नेटवर्क से भी कनेक्शन हो सकता है।