12 अक्टूबर से भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे संत परमहंस दास को पुलिस ने मंगलवार देर रात 11:00 बजे अस्पताल में भर्ती कराया। संत परमहंस दास के 9 दिन में 9 किलो वजन कम हो गया है। इससे पहले वह साल 2018 में राम मंदिर के लिए 12 दिन का आमरण अनशन कर चर्चा में आए थे। फिलहाल उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, चिकित्सकों द्वारा चिंता व्यक्त किए जाने के बाद जिला प्रशासन ने संत परमहंस दास को देर रात लगभग 11:00 बजे उनके आवास तपस्वी जी की छावनी से अस्पताल ले गए। आपको बताते चलें कि भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए संत परमहंस दास ने साल 2018 में 1 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक अनशन किया था। इसके बाद वह चर्चा में आए थे।
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एक बार फिर भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किए जाने के लिए संत परमहंस दास ने आमरण अंशन किया है। वह 12 अक्टूबर सुबह 5:00 बजे से आमरण अनशन पर बैठे थे। इस दौरान संत परमहंस तपस्वी जी की छावनी पर अशोक के पेड़ के नीचे लगातार बैठे रहे। उन्होंने अन्य जल त्याग रखा था। डॉक्टरों ने उनकी जांच की तो पाया कि उनके स्वास्थ्य में गिरावट आ रही थी और 9 दिन में लगभग 9 किलो से ज्यादा वजन कम हो गया है। इसकी वजह से स्थानीय प्रशासन ने संत परमहंस दास को जबरन अनशन से उठाकर अस्पताल में भर्ती कराया।
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संत परमहंस दास की शिष्य और विश्व हिंदू रक्षा संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अर्चना सिंह हिंदू ने कहा कि प्रशासन के काफी लोग छावनी में आए। वे 8 से 10 गाड़ियों से छावनी में आए थे। उन्होंने कहा कि प्रशासन के लोगों ने उनका मोबाइल फोन छीन लिया और महाराज जी को लेकर चले गए। साथ ही विश्व हिंदू रक्षा संगठन की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने चेतावनी दी कि अब सरयू नदी के तट पर अनशन जारी रहेगा। उन्होंने पूरे भारत में परमहंस दास के समर्थन में आंदोलन शुरू करने की बात भी कही।