मुंबई की एक विशेष मकोका अदालत ने शनिवार को बाबा सिद्दीकी हत्याकांड (Baba Siddiqui Murder Case) के आठ आरोपियों को 16 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। मुंबई पुलिस ने इस मामले में अब तक 26 लोगों को गिरफ्तार किया है। 30 नवंबर को सभी के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत कठोर कार्रवाई की गई। आरोपियों की पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद मकोका अदालत के विशेष न्यायाधीश ए एम पाटिल के समक्ष पेश किया गया।
इस मामले में मुंबई पुलिस ने 26 आरोपियों पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण (मकोका) के तहत कठोर धाराएं लगाई हैं। मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बाबा सिद्दीकी हत्याकांड (Baba Siddiqui Murder Case) में मकोका के तहत कठोर धाराएं लगाई गई हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मकोका के तहत पुलिस के समक्ष दिए गए बयान अदालत में सबूत के तौर पर स्वीकार्य हैं। मकोका के तहत किसी आरोपी के लिए जमानत लेना भी मुश्किल होता है।
इस मामले तीन आरोपी शुभम रामेश्वर लोनकर, जीशान मोहम्मद अख्तर और अनमोल बिश्नोई वांछित आरोपी हैं। हालांकि, अनमोल को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया है। भारतीय एजेंसियों उसके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है। अनमोल ने जीशान अख्तर के जरिए हत्या की इस जघन्य वारदात को अंजाम दिया है। बाबा सिद्दीकी को मुंबई के बांद्रा ईस्ट में उनके बेटे जीशान सिद्दीकी के दफ्तर के बाहर 3 हमलावरों ने हत्या कर दी थी।
इस हत्याकांड (Baba Siddiqui Murder Case) के बाद दो शूटरों धर्मराज कश्यप और गुरमसिंह को क्राइम सीन से ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन मुख्य शूटर शिव कुमार गौतम (20) भागने में कामयाब रहा था। उसे यूपी एसटीएफ और मुंबई क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने बहराइच जिले के नानपारा से गिरफ्तार किया था। मुख्य शूटर शिव कुमार ने पुलिस हिरासत में कई बड़े खुलासे किए हैं। उसने बताया कि वो और धर्मराज कश्यप एक ही गांव के रहने वाले हैं।
वो पुणे में स्क्रैप का काम करता था। शुभम लोनकर और उसकी दुकान आसपास थी। शुभम लॉरेंस बिश्नोई के लिए काम करता है। उसने स्नैप चैट के जरिए अनमोल से बात कराई थी। अनमोल बिश्नोई ने बाबा सिद्दीकी की हत्या के लिए उसे 10 लाख के साथ हर महीने पैसे देने का वादा किया था। हत्या के लिए हथियार, मोबाइल और सिम शुभम लोनकर और यासीन अख्तर ने दिया था। तीनों शूटरों को नए सिम और मोबाइल भी दिए गए थे।
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तीनों ने कई दिनों तक मुंबई में बाबा की रेकी करने के बाद 12 अक्टूबर की रात उनकी हत्या कर दी। उस रोज त्योहार होने के कारण पुलिस और भीड़ थी, जिसके कारण दो शूटर मौके पर पकड़ लिए गए। लेकिन शिवकुमार वहां से फरार हो गया। उसने अपना फोन रास्ते में फेंक दिया और पुणे चला गया। वहां से झांसी और लखनऊ के रास्ते बहराइच पहुंच गया था। रास्ते में वो लोगों के फोन मांगकर साथियों और हैंडलर से बातें करता रहा।