24 मार्च को रंगभरी एकादशी है। टेढ़ीनीम स्थित महंत कुलपति तिवारी के आवास पर इसकी तैयारियां शुरू हो गयी हैं। रंगभरी एकादशी के दिन बाबा विश्वनाथ अपने गौने की बारात में राजस्थानी पगड़ी और गुजराती परिधान पहनेंगे। वहीं माता पार्वती केसरिया बनारसी साड़ी पहन भक्तों को दर्शन देंगी। इसी दिन बाबा और माता पार्वती काशीवासियों संग अबीर गुलाल खेलते हैं। इसी दिन से रंगोत्सव की शुरुआत हो जाती है।
रंगभरी एकादशी के लिए लल्लापुरा निवासी गयासुद्दीन पगड़ी तैयार कर रहे हैं। इनका परिवार बाबा की सेवा सात पुश्तों से करते आ रहे हैं। महंत कुलपति तिवारी ने बताया ने बार रंगभरी एकादशी के दिन मथुरा से गुलाब के फूल मंगाए गए हैं। बाबा भक्तों के साथ गुलाब और हर्बल अबीर से होली खेलेंगे।
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चार दिनों के इस उत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं। जिसकी रूपरेखा तैयार की जा रही हैं। महंत आवास से गौरा शंकर की पालकी निकल कर बाबा विश्वनाथ के दरबार जाएगी। लोकाचार में गीत गवना, मां गौरा का तेल हल्दी का रस्म पूरा किया जायेगा। उसके बाद रंगभरी एकादशी के दिन बाबा का ससुराल आगमन होगा। मान्यता के अनुसार इसी दिन बाबा विश्वनाथ माता पार्वती का गौना कराकर कैलाश ले गये थे।