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इंस्पेक्टर के हत्यारोपी बाहुबली अनुपम दुबे को मैनपुरी जेल में शिफ्ट किया गया

Anuapam Dubey

Anuapam Dubey

फर्रुखाबाद के जिला जेल फतेहगढ़ में बंद इंसेक्टर के हत्यारोपी अनुपम दुबे को मैनपुरी की जिला जेल के लिए स्थानांतरित कर दिया गया है। इंस्पेक्टर रामनिवास की हत्या में फरार चल रहे अनुपम दुबे का स्थानांतरण प्रशासनिक आधार पर फतेहगढ़ जेल से मैनपुरी जेल के लिए किया गया है। इंस्पेक्टर मिर्जा सदरे आलम बज्र वाहन से लेकर अनुपम दुबे को मैनपुरी की जिला जेल में आमद करा चुके है।

बताते चलें कि, बाहुबली अनुपम दुबे के ऊपर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। जीआरपी आगरा की केएसपी ने अनुपम दुबे का कुर्की वारंट जारी करा कर भारी पुलिस बल के साथ अनुपम के निवास फतेहगढ़ के मोहल्ला कस रट्टा में छापा मारा था। पुलिस का बढ़ता दबाव देखकर अनुपम दुबे ने फतेहगढ़ के सीजीएम न्यायालय में 14 जुलाई को आत्मसमर्पण कर दिया था। उन्होंने इस न्यायालय में पड़ोसी जिला कन्नौज के थाना गुरसहायगंज के समधीन के रहने वाले ठेकेदार समीम हत्याकांड में आत्मसमर्पण किया था। इसके बाद उन्हें न्यायालय ने जिला जेल फतेहगढ़ में न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया।

जेल में अनुपम दुबे के समर्थकों की आवाजाही को देखते हुए जेल प्रशासन ने अनुपम को गैर जिले की जेल में स्थानांतरित करने की मांग की। जेल अधिकारियों की रिपोर्ट पर एसपी अशोक कुमार मीणा ने संस्तुति कर पत्रावली जिलाधिकारी के यहां भेज दी। जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने बताया कि अनुपम दुबे को प्रशासनिक आधार पर मैनपुरी की जिला जेल में स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने बताया कि यह निर्णय जेल अधिकारियों और एसपी की संस्तुति पर लिया गया है।

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वहीं, दूसरी तरफ प्रतिसार निरीक्षक किश्वर अली ने बताया कि अनुपम दुबे को कड़ी सुरक्षा के बीच वज्र वाहन से इंस्पेक्टर मिर्जा सदरे आलम लेकर रवाना हुए है। उन्होंने मैनपुरी की जिला जेल में अनुपम की आमद करा दी है।

बताते चलें कि, बाहुबली अनुपम दुबे की मुश्किल दिन प्रतिदिन बढ़ती चली जा रही है। उनके ऊपर वर्ष वर्ष 1996 में ट्रेन में हुई इंस्पेक्टर रामनिवास की हत्या सहित हत्या और अपहरण के 45 मुकदमे दर्ज हैं। इस वजह से शासन ने अनुपम के ऊपर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। सबसे खास बात ये है कि इंस्पेक्टर हत्याकांड और समीम हत्याकांड दोनों की फाइलें न्यायालय में 25 साल तक दबी रही। इनमें आरोप पत्र दाखिल होने के बाद भी अनुपम ने आत्म समर्पण नहीं किया।

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रेल विभाग की कमान डीजी पीयूष आनंद के हाथ पहुंची तो उन्होंने पत्रावली को निकलवा कर जीआरपी एसपी आगरा को अनुपम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। अब अनुपम इस समय मैनपुरी की जिला जेल में बंद है। वहां उनके मिलने वालों पर भी रोक लगा दी गई है। फिलहाल भाजपा सरकार में अनुपम दुबे की भी मुश्किल है बढ़ती चली जा रही है।

वहीं माना जा रहा है कि पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह की पुत्री मोनिका यादव की जिला पंचायत के चुनाव में मदद करने पर अनुपम से राजनीतिक दलों का एक खेमा खिलाफ हो गया। जिसकी वजह से इस दल ने 25 साल पुराने गड़े मुर्दे उखाड़ दिए और अनुपम को जेल की हवा खानी पड़ी।

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