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2005 में राम जन्मभूमि पर हमला करने वाले आतंकियों की जमानत मंजूर

Writer D by Writer D
20/09/2023
in Main Slider, अयोध्या, उत्तर प्रदेश, क्राइम, प्रयागराज
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Ram Janmabhoomi

Ram Janmabhoomi Terror Attack

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प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वर्ष 2005 में राम जन्मभूमि (Ram Janmabhoomi) आतंकी हमले में दोषी करार दिए गए शकील अहमद, मोहम्मद नसीम, आसिफ इकबाल उर्फ फारुक और डॉक्टर इरफान की जमानत मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी मिश्रा और न्यायमूर्ति एसएएच रिजवी की खंडपीठ ने दिया है। चारों आतंकियों को इलाहाबाद जिला सत्र न्यायालय ने 2019 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। पिछले 18 वर्षों से केंद्रीय कारागार नैनी में सजा काट रहे हैं।

उम्रकैद की सजा के खिलाफ इन्होंने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी। मामला पांच जुलाई 2005 की सुबह का है। अयोध्या के जैन मंदिर के पास खड़ी मार्शल जीप में धमाका हुआ था। इसके बाद एके-47 राइफल, कारतूस और राकेट लॉन्चर जैसे हथियारों से लैस पांच आतंकियों ने राम जन्मभूमि (Ram Janmabhoomi) स्थल पर हमला कर दिया था। इस हमलें में रमेश कुमार पांडेय नाम के एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। हलांकि, सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई में पांच आतंकियों को ढेर कर दिया था। अपीलार्थियों के वकीलों ने दलील दी कि इनका कोई पुराना आपराधिक इतिहास नहीं है।

अपील के साथ दाखिल जमानत याचिका की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि अपीलार्थियों की यह पहली जमानत याचिका है। इस मामले के तथ्य और साक्ष्य से जुड़ी दलीलें विचारणीय है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुक्रम में देखते है तो लंबित अपीलों पर सुनवाई वक्त लग सकता है। इसलिए कोर्ट मामले के गुण दोष पर टिप्पणी किए बगैर इन सभी आरोपियों को सख्त शर्तों के साथ जमानत को मंजूरी दे दी।

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कोर्ट ने कहा कि आरोपी सप्ताह के एक बार अपने निवास स्थान पर स्थित पुलिस थाना को रिपोर्ट करेंगे। इनके पास यदि पासपोर्ट है तो वे इन्हें संबंधित अदालत में जमा करेंगे। इन पर लगाए गए जुर्माने रिहाई के छह सप्ताह के भीतर जमा किए जाएंगे। जमानत के बांड स्वीकार होने पर निचली अदालत इनकी प्रतियां रिकार्ड के लिए इस अदालत के पास भेजेगी।

जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड पर गौर करे तो यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल पर आतंकी हमला था, जिसमें पांच आतंकियों को मार गिराया गया और इस घटना में एक निर्दोष व्यक्ति की भी जान चली गई। यह एक गंभीर घटना है और इसे सभ्य समाज पर हमले के तौर पर माना जाना चाहिए।

Tags: Allahabad High Courtayodhya newsPrayagraj Newsram janmabhoomi
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