प्रयागराज। बाघंबरी गद्दी मठ के महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के बाद अनसुलझे रहस्यों के बीच मंगलवार को उनके शिष्य बलबीर गिरी को उनका उत्तराधिकारी नियुक्त कर लिया गया। अब महंत बलबीर गिरि मंगलवार से औपचारिक रूप से अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख होंगे।
वहीं, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के दिवंगत अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मंगलवार को षोडशी भी की गई। षोडशी कर्मकांड और अनुष्ठान में सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि सहित लगभग 10 हजार साधु-संत शामिल थे। दसनाम नागा सन्यासियों की परंपरा में किसी भी नागा सन्यासी साधु या महंत का शरीर छूट जाने के बाद षोडशी परंपरा की प्रक्रिया अपनाई जाती है।
षोडशी के दौरान कड़ी सुरक्षा रहेगी
षोडशी आयोजन में काफी संख्या में साधु-संतों ने हिस्सा लिया। इसे देखते हुए कड़े सुरक्षा प्रबंध भी किए गए थे। इस दौरान 400 से ज्यादा जवान मठ के विभिन्न हिस्सों में तैनात किए गए।
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बलबीर गिरी महंत गिरि के पुराने शिष्य
बलबीर गिरी दिवंगत महंत नरेंद्र गिरि के तकरीबन 15 साल पुराने शिष्य हैं। महंत नरेंद्र गिरि ने बलबीर गिरि को हरिद्वार आश्रम का प्रभारी बनाया हुआ था। आनंद गिरि और बलवीर गिरि दोनों तकरीबन एक ही समय में महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य बने थे, लेकिन बलबीर गिरि सबसे प्रिय शिष्यों में एक थे। आनंद गिरि के निष्कासन के बाद बलबीर गिरि ही नंबर दो की हैसियत रखते थे।
35 साल के बलबीर गिरि उत्तराखंड के निवासी हैं। साल 2005 में बलबीर गिरि को महंत नरेंद्र गिरि ने दीक्षा दी थी और बलवीर गिरि ने संन्यास धारण कर लिया था। बलवीर गिरि हरिद्वार में बिल्केश्वर महादेव की देखरेख व व्यवस्था देखते थे।