गढ़मुक्तेश्वर (हापुड़)। गढ़मुक्तेश्वर में मेला स्थल पर सभी तरह की गतिविधियों पर रोक लगने जा रही है। यह रोक 25 नवंबर से 30 नवंबर के बीच लगाई जाएगी। स्थानीय प्रशासन ने कार्तिक पूर्णिमा के दौरान गंगा स्नान और दीपदान को आने वाले श्रद्धालुओं को रोकने के लिए यह बड़ा निर्णय लिया है। गढ़मुक्तेश्वर में कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान के लिए हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं। जिसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, मेरठ, सहारनपुर, बागपत, शामली, गाजियाबाद, बुलंदशहर आदि जनपदों के अलावा दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान जैसे बड़े राज्यों के 20 से 25 लाख लोग शामिल होते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर वर्ष भर के भीतर अपनों को खोने वाले लोग यहां आकर दीपदान करते हैं। लेकिन, इस बार शासन ने मेला आयोजन कराने पर रोक लगा रखी है। श्रद्धालु गंगा नगरी में न आए इसके लिए जिला प्रशासन ने शासन की ओर से संबंधित जनपदों के प्रशासन को पत्र लिखा है। इसके अलावा श्रद्धालुओं को रोकने के लिए मेरठ, बुलंदशहर, नोएडा और गाजियाबाद की सीमा पर बैरिकेडिंग की जा रही है। जनपद में धारा 144 लागू है।
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कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाला मेला इस बार स्थगित
अपर जिलाधिकारी जयनाथ यादव ने बताया कि शासन ने कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाला मेला इस बार स्थगित करने के आदेश दिए हैं। ताकि कोरोना वायरस का संक्रमण न फैले। शासन के आदेश का पालन कराने के लिए 25 नवंबर से 30 नवंबर के बीच गढ़मुक्तेश्वर में मेला स्थल पर आवश्यक कार्यों को छोड़कर तमाम तरह की गतिविधियों पर पूरी तरह रोक रहेगी। साथ ही दीपदान के लिए गढ़मुक्तेश्वर आने की सोच रहे श्रद्धालुओं से अपील है कि वह गढ़मुक्तेश्वर में न आएं। कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर को है। इस दिन गंगा तट पर श्रद्धालु स्थान करते हैं। इसी दिन मेला भी लगता है। भीड़ की वजह से कोरोना का खतरा टालने के लिए ये पाबंदी लगाई गई है।