चमगादड़ हमेशा से ही मनुष्य के लिए एक रहस्यमी जीव रहे है। चमगादड़ देखने में डरावने जीव लगते हैं लेकिन ये स्तनपायी जीव सामाजिक प्राणी हैं। ये आपस में साथ रहना पसंद करते हैं और अपने समूह से अलग होने पर दूसरों को अलग आवाज से सूचित भी कर देते हैं।
इनके बारे में एक और जानकारी मिली है ये जब बीमार होते हैं तो खुद को दूसरे साथियों से अलग कर लेते हैं। न्यूयार्क टाइम्स के लेख के अनुसार अभी तक इस क्रिया को सोशल जिस्टेंसिग की तरह माना जाता था लेकिन अब पता चला है कि ऐसा वे जानबूझकर नहीं करते हैं।
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इस अध्ययन में पाया गया है कि बीमार होने पर इन चमगादड़ों को अपने साथियों को बुलाने की ऊर्जा नहीं होती है, इसीलिए वे खुद को आइसोलेशन में रखते हैं।
टेक्सास यूनिवर्सिटी के पीएचडी कर रहे सेबेसिस्टियन स्टॉकमायर का कहना है कि वैम्पायर चमगादड़ बहुत कुछ इंसानों के जैसे होते हैं। जब वे बीमार होते हैं और अच्छा महसूस नहीं कर रहे होते तब वे सामाजिक अंतरक्रिया में दिलचस्पी नहीं रखते।
ये चमगादड़ वैसा ही आलसी और कमजोर महसूस करते हैं जैसे हम इंसान करते हैं जब हम बीमार होते हैं। यह भले ही जानबूझकर न किया जाता हो, लेकिन इसका एक फायदेमंद साइडइफेक्ट है. इससे उनकी बीमारी दूसरों तक नहीं फैलती अगर वे किसी संक्रमण का शिकार हैं।