हिंदू धर्म में नवरात्रि ( Navratri) पर्व का विशेष महत्व है। इस साल नवरात्रि पर्व 15 अक्टूबर 2023 से शुरु होगा और 23 अक्टूबर 2023 मंगलवार को समाप्त होगा। पौराणिक मान्यता के अनुसार, एक वर्ष में 4 बार नवरात्रि पड़ती है। इसमें से 2 नवरात्रि ( Navratri) प्रत्यक्ष होती हैं और 2 गुप्त नवरात्रि होती है। नवरात्रि के 9 दिनों में देवी के अलग-अलग रूपों की आराधना की जाती है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, देवी पूजा का दौरान कई बातों को लेकर सावधानी रखना चाहिए। विशेषकर भोग लगाते समय साफ-सफाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, अन्यथा बुरा परिणाम झेलना पड़ सकता है।
देवी को हमेशा सात्विक भोग लगाएं
देवी मां की पूजा के दौरान हमेशा साफ-सफाई और पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए। देवी को भोग में हमेशा सात्विक चीजें ही अर्पित करना चाहिए। भोग में लहसुन-प्याज का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
एल्युमिनियम के बर्तन उपयोग न करें
देवी मां के लिए भोग का प्रसाद बनाते समय सोने, चांदी, पीतल या मिट्टी के बर्तन का ही इस्तेमाल करना चाहिए। प्रसाद बनाते समय कभी भी एल्युमिनियम के बर्तन का उपयोग नहीं करना चाहिए।
भोग को प्रसाद के रूप में बांटे
अक्सर हम देखते हैं कि नवरात्रि ( Navratri) में भोग के लिए जो प्रसाद तैयार किया जाता है, उसमें से कुछ प्रसाद भोग के लिए निकाल कर शेष प्रसाद भक्तों के बीच वितरित कर दिया जाता है। ऐसा करना उचित नहीं होता है। देवी मां को जो भोग लगाया जाता है, उसे ही प्रसाद में मिलाने के बाद वितरित किया जाना चाहिए। देवी के सामने से भोग भी तत्काल नहीं हटाना चाहिए।
भोग में तुलसी का पत्ता जरूर रखें
देवी मां को भोग लगाते समय इस बात का ध्यान भी रखें कि प्रसाद में तुलसी का पत्ता जरूर रखें। इसके बिना भोग अधूरा माना जाता है। देवी मां को 9 दिनों को अलग-अलग भोग लगाना चाहिए।