पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने महागठबंधन से अलग होने का ऐलान किया है। महागठबंधन में लगातार नाराज चल रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने मांझी ने 20 अगस्त को अपनी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ( हम ) के कोर ग्रुप की बैठक बुलाई थी, जिसमें ये फैसला लिया गया है।
महागठबंधन से अलग होने के बाद जीतन राम मांझी फिर से एनडीए में शामिल हो सकते हैं। हालांकि इस बारे में आधिकारिक घोषणा होनी बाकी है।
पार्टी की कोर कमेटी की बैठक के बाद हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने पत्रकारों को महागठबंधन से अलग होने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में निरंतर उपेक्षा और समन्वय समिति की गठन करने की बात नहीं मानी गई। इसके बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी और कोर कमेटी ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है।
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रिजवान ने बताया कि किसी अन्य गठबंधन में जाने के संबंध में अगले दो-तीन दिनों में ही निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल अभी यह तय नहीं किया गया है कि आखिर मांझी कहां जाऐंगे? वहीं चर्चा है कि मांझी फिर से एनडीए में घर वापसी कर सकते हैं। उनकी जेडीयू के नेताओं से इस मामले में बातचीत भी हो चुकी है।
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा का जेडीयू में नहीं होगा विलय
चर्चा थी कि महागठबंधन से अलग होने के बाद मांझी की पार्टी का जेडीयू में विलय होगा। हालांकि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि जेडीयू के साथ पार्टी का विलय नहीं होगा। कई कार्यकर्ताओं की आशंकाओं को पार्टी नेतृत्व ने सिरे से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि पार्टी को समाप्त नहीं किया जाएगा। गठबंधन के बाद ही सीट शेयरिंग की बात की जाएगी।
16 सीटों पर पार्टी की तैयारी पूरी
वैसे 16 विधानसभा सीटों पर पार्टी ने पूरी तैयारी रखी है। बताया जा रहा है कि गठबंधन होता है तो पार्टी जेडीयू से इतनी ही सीटों की मांग भी करेगी। पार्टी ने अधिकतर मगध प्रमंडल के सीटों पर ही अपनी दावेदारी की है। वैसे पार्टी का शीर्ष नेतृत्व कोसी और पूर्णिया क्षेत्र के कुछ सीटों को अपना प्रभाव क्षेत्र में मान रहा है।