अंतररष्ट्रीय इंटरनेट दिवस के अवसर पर शुक्रवार को ‘मिशन शक्ति-फेज तीन’ अभियान के अंतर्गत महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन (1090) द्वारा महिलाओं की इंटरनेट/साइबर सुरक्षा से संबंधित जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
1090 सभागार में आयोजित कार्यक्रम में महिला सुरक्षा के संदर्भ में इंटरनेट व साइबर सेफ्टी पर जरूरी बातें बताई गईं। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अभिनेत्री भाग्यश्री द्वारा 1090 से प्रदेश की अधिक से अधिक महिलाओं को जोड़ने के लिए तैयार किए गए नये शुभंकर का अनावरण किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की अपर पुलिस महानिदेशक नीरा रावत ने कहा कि आज साइबर सुरक्षा दुनिया की सबसे बड़ी जरूरत है। इंटरनेट सुरक्षा के तमाम उपक्रम मौजूद हैं, पर सतर्कता ही बचाव है।
हमारी टीम द्वारा साइबर संबंधी प्रकरण में आरोपी द्वारा दुरुपयोग किए जाने वाले माध्यम जैसे-फेसबुक, वेबसाइट को भी औपचारिक सूचना देकर आपत्तिजनक सामग्री को भी हटवाया जाता है। साथ ही आरोपी की पूर्णतया पहचान करके आवश्यक विधिक कार्यवाही भी कराई जाती है। उन्होंने डैशबोर्ड के प्रस्तुतीकरण के माध्यम से महिला सुरक्षा में इंटरनेट की भूमिका के विभिन्न पहलुओं तथा 1090 द्वारा संचालित आनलाइन जन-जागरूकता अभियान के बारे में जानकारी दी।
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इस कार्यक्रम में राज्य रेडियो अधिकारी राघवेन्द्र द्विवेदी द्वारा पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन ‘महिला अपराध की रोकथाम’ एवं 1090 से संबंधित बहुभाषी लघु फिल्म के माध्यम से 1090 की कार्यप्रणाली समझाई गई। इस मौके पर 1090 की टीम द्वारा तैयार किया गया साइबर सुरक्षा पर आधारित नुक्कड़-नाटक भी प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम में विशिष्ट अथिति अपर पुलिस महानिदेशक, साइबर क्राइम राम कुमार द्वारा सेफ इंटरनेट यूज तथा उप्र पुलिस द्वारा इस दिशा में उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी गई। पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम त्रिवेणी सिंह द्वारा परस्पर संवाद के माध्यम से साइबर प्लेटफार्म पर अपनाए जाने वाले सुरक्षा आयामों के बारे में बताया गया। कार्यक्रम में महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के पुलिस उपमहानिरीक्षक रवि शंकर छबि द्वारा स्वागत उद्बोधन, अपर पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र कुमार द्वारा धन्यवाद ज्ञापन तथा अपर पुलिस अधीक्षक नीति द्विवेदी द्वारा मंच संचालन की जिम्मेदारी निभाई गई। कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों से आए छात्रों/छात्राओं, शिक्षकों तथा महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के अधिकारियों व कर्मचारियों सहित 100 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया।