भाई दूज (Bhai Dooj) भाई बहन का त्योहार है। भाई दूज पर बहन भाई का तिलक करती है। भाई-बहन एक-दूसरे से सुख-दुख में साथ निभाने का वचन भी देते हैं। भाई दूज को यम द्वितिया के नाम से भी जाना जाता है। दिवाली महापर्व के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है और गोवर्धन पूजा के अगले दिन भाई दूज का पावन पर्व मनाया जाता है। धार्मिक कथाओं के अनुसार भाई दूज (Bhai Dooj) के पावन दिन ही यमुना नदी ने अपने भाई यमराज को घर बुलाया था और तिलक किया था। आइए जानते हैं भाई दूज पूजा-विधि, शुभ मुहूर्त और सामग्री की लिस्ट-
मुहूर्त-
द्वितीया तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 02, 2024 को 08:21 पी एम बजे
द्वितीया तिथि समाप्त – नवम्बर 03, 2024 को 10:05 पी एम बजे
भाई दूज अपराह्न समय – 01:10 पी एम से 03:22 पी एम
अवधि – 02 घण्टे 12 मिनट्स
पूजा विधि-
– सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
– घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित कर भगवान का ध्यान करें।
– भगवान विष्णु और गणेश जी की पूजा करें
– इस दिन भाई को घर बुलाकर तिलक लगाकर भोजन कराने की परंपरा है।
– भाई के लिए पिसे हुए चावल से चौक बनाएं।
– भाई के हाथों पर चावल का घोल लगाएं।
– भाई को तिलक लगाएं।
– तिलक लगाने के बाद भाई की आरती उतारें।
– भाई के हाथ में कलावा बांधें।
– भाई को मिठाई खिलाएं।
– मिठाई खिलाने के बाद भाई को भोजन कराएं।
– भाई को बहन को कुछ न कुछ उपहार में जरूर देना चाहिए।
पूजा सामग्री की लिस्ट
– आरती की थाली
– टीका, चावल
– नारियल, गोला (सूखा नारियल) और मिठाई
– दिया और धूप
– रुमाल या छोटा तोलिया