दो दिन पहले यूपी एसटीएफ की मुठभेड़ में मारे गए 25 हजार के इनामी डकैत भालचंद्र यादव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। बताया गया कि गुरुवार रात 10.30 बजे मृतक डकैत का पोस्टमार्टम हुआ, लेकिन यूपी पुलिस डकैत की डेड बॉडी नहीं दे रही थी।
ऐसे में चित्रकूट के कांग्रेस विधायक नीलांशु चतुर्वेदी ने जब पीएम हाउस में दखलंदाजी करते हुए पुलिस से संविधान का उल्लेख किया तो परिजनों को डेड बॉडी दी गई। विधायक ने यूपी की योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यहां मानवता को ताक में रखकर पुलिस काम कर रही है। सबसे पहले डेड बॉडी परिजनों को सौंपी जाए। बाकी सब जांच का विषय है। वहीं, परिजनों के साथ चित्रकूट विधायक ने एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए है। कहा है कि यूपी में कुछ भी हो सकता है।
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मृतक भालचंद्र यादव के वकील रामनरेश त्रिपाठी ने बताया कि डकैत भालचंद्र यादव निवासी पड़मनिया जागीर थाना मझगवां जिला सतना पर एमपी से 5 हजार और यूपी से 25 हजार का इनामी था। 23 फरवरी 2021 को मझगवां पुलिस ने एक मामले में गिरफ्तार किया था। उसकी जमानत 27 फरवरी को ही हो गई थी।
31 मार्च को वह सतना न्यायालय पेशी पर अपने भाई के साथ आया था। वह 2 बजे सतना से रवाना हुआ और 6 बजे यूपी एसटीएफ उसका एनकाउंटर कर देती है। अब भला इतनी जल्दी उसके पास कहां से हथियार आ गए और वह किसका अपहरण कर सकता है। यही नहीं मृतक डकैत के भाई दूसरे दिन यूपी के मारकुंडी थाने में गिरफ्तारी दिखाई जाती है। साथ ही उसके पास से हथियार बरामद होते है। ऐसे में साफ प्रतीत होता है कि ये पूरा एनकाउंटर फर्जी है। यूपी पुलिस ने अपने नंबर बढ़ाने के लिए ऐसा किया है।
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भारी पुलिस बल की मौजूदगी में मझगवां थाना क्षेत्र के पड़मनिया जागीर गांव में दोपहर 3 बजे डकैत का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। कहा जाता है कि कथित डकैत भालचंद्र यादव की मिटटी पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जुटे थे। इस दौरान भारी पुलिस बल भी मौजूद रहा।
गांव वालों ने बताया कि भालचंद्र पर 6 बच्चों के भरण पोषण की जिम्मेदारी थी। अब ये जिम्मेदारी पत्नी पर आ गई है। ऐसे में पत्नी ने दोनों राज्यो की सरकार से आर्थिक मदद मांगी है। साथ ही मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। मृतका की पत्नी ने कहा कि डेढ़ लाख के इनामी डकैत गौरी यादव से हमारा कोई वास्ता नहीं था। बावजूद यूपी पुलिस ने मेरे पति को मुठभेड़ के बहाने हत्या की है।