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किसानों का भारत बंद का उत्तर प्रदेश में नहीं दिखा कोई असर

Bharat bandh

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केंद्र सरकार के कृषि कानून को लेकर किसानों के आज के भारत बंद का उत्तर प्रदेश में कोई असर नहीं दिखा ।

दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठनों को बंद कराने की अपील करता एक भी किसान नहीं दिखा । विपक्षी दल के नेता खासकर समाजवादी के नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और लोगों से दुकान और अपने प्रतिष्ठान बंद करने की अपील की लेकिन उनकी बात व्यापारियों ने नहीं सुनी ।

जिलों में विपक्ष के नेताओं को पुलिस ने पहले ही घरों में नजरबंद कर दिया था । राज्य के सभी प्रमुख शहरों में रोज की तरह ही सरकारी और निजी प्रतिष्ठान खुले रहे और सड़कों पर वाहन दिखाई दिये । राजधानी लखनऊ में रोज की तरह आज भी सभी दुकाने खुल गई थीं तथा ऑटो,रिक्शा तथा अन्य वाहन दिखाई दे रहे थे । समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के आवास के सामने कल ही बैरिकेटिंग कर दी गई थी । सपा मुख्यालय के सामने भी बैरिकेटिंग थी तथा बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया था ।

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राज्य के पौराणिक और ऐतिहासिक चित्रकूट में बंद बेअसर था । सभी दुकान और प्रतिष्ठान रोज की तरह खुले रहे । जिले के बड़े किसान रघुवर दयाल ने कहा कि बंद एक राजनैतिक पैंतरेबाजी है ।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों के हक में फैसला लिया है । वो किसानों के हितों की अनदेखी कर ही नहीं सकते । विपक्ष आज जिस बिल को वापस करने की मांग कर रहा है उसे ही लागू करने के लिये 2008 में प्रदर्शन किया था । विपक्ष को आज बिल में खोट दिखाई दे रही है । मिली रिपोर्ट के अनुसार इसीतरह कानपुर, झांसी, वाराणसी, प्रतापगढ़, जौनपुर, गोरखपुर, बलिया, आजमगढ़, प्रयागराज, आगरा में बंद का कोई असर नहीं थी ।

समाजवादी पार्टी के प्रभाव वाले जिले इटावा में बड़ी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता दुकानों को बंद कराने मोटरसायकिल से निकले । बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को देख लोगों ने दुकानें बंद भी कर दीं लेकिन उनके जाते ही दुकानें फिर से खुल गईं । पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली में बंद का आंशिक असर था । छिटपुट दुकानें बंद दिखाई दी ।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुबह पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से बात कर सख्त हिदायत दी थी कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के साथ नरमी से पेश आया जाय लेकिन कानून हाथ में लेने वालों के साथ सख्ती से पेश आया जाये ।

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