हैदराबाद। कोविड-19 वैश्विक महामारी को पछाड़ने के लिए भारत बायोटेक एक अन्य वैक्सीन पर कार्य कर रहे हैं। कंपनी जानकारी देते हुए बताया कि, भारत बायोटेक मार्च से वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण शुरू करने का विचार कर रही है। भारत बायोटेके अपने बयान में बताया है कि कंपनी कोरोना वायरस से लड़ने के लिए नया इंट्रानेजल एंटीडोट वैक्सीन पर काम कर रहा है।
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गौरतलब है कि कोवैक्सीन के साथ-साथ भारत बायोटेक कोरोना वायरस के एक नए टीके को बनाने पर काम कर रहा है। इस वैक्सीन का खास खबर यह है कि सिर्फ एक खुराक लेने से ही कोरोना से सुरक्षा मिल जाएंगी। कोरोना की रोकथाम के लिए देश के पहले स्वदेशी टीके का निर्माण करने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने अपनी वैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण के लिए 25,800 वालंटियर पंजीकृत कर लिए हैं।
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कंपनी की ज्वाइंट मैनेजिंग डाइरेक्टर सुचित्रा इल्ला ने यह घोषणा करते हुए प्रमुख परीक्षकों और स्वास्थ्य कर्मियों का आभार जताया है जिन्होंने पीपीपी माडल पर विकसित की जा रही कोवैक्सीन के कार्यक्रम में सहयोग दिया है। उन्होंने सभी वालंटियर का भी आभार जताया है। नई वैक्सीन के शोध के लिए भारत बायोटेक के साथ वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन काम कर रहा है। इस वैक्सीन को ‘इंट्रानेजल एंटीडोट’ कहा जा रहा है। और सभी वैक्सीन के उलट ‘इंट्रानेजल एंटीडोट’ नाक के जरिए दीया जाता है। यह एक संक्रमणरोधी दवा होती है। वैक्सीन के पहले चरण के क्लिनिकल ट्रायल इस साल फरवरी-मार्च तक शुरू होंगे।