नई दिल्ली। कोरोना महामारी ने उपभोक्ता के खरीदारी में बड़ा बदलाव किया है। रोजमर्रा के उत्पादों (एफएमसीजी) के मामले में एक हजार रुपये की जगह 500 रुपये मूल्य के उत्पाद की मांग 40 फीसदी बढ़ी हैं। वहीं सौंदर्य उत्पादों की मांग में गिरावट आई है। इसके अलावा एफएमसीजी उत्पादों की मांग बड़े शहरों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एफएमसीजी कंपनियों ने मार्च से अगस्त के दौरान स्वास्थ्य और स्वच्छता खंड में कुल 1,897 उत्पाद पेश किए। यह इससे पहले के छह महीनों की तुलना में 18 गुना अधिक है। जबकि सौंदर्य और प्रयोजन श्रेणी में इस दौरान नये उत्पाद में गिरावट आई है।
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निल्सन की रिपोर्ट ‘कोविड-19: इवॉल्विंग कंज्यूमर ट्रेंड्स में कहा कि कंपनियां अब प्रस्तावित उत्पादों की योजना को संशोधित कर रही हैं और बाजार की मौजूदा जरूरतों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। इसमें कहा गया है कि एफएमसीजी कंपनियों के कारोबार का 40 फीसदी ग्रामीण भारत से आता है, जिसकी वजह से उन्हें रणनीति पर दोबारा विचार करना पड़ रहा है।
इसके साथ ही घर में खाना पकाने के क्षेत्र में नए उत्पाद जारी करने में 35 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया। लोगों के घर में ही रहने, होटल रेस्त्राओं तथा अन्य स्थानों के बंद होने से घरेलू खपत बढ़ी है। इस रेणी में केचअप, चटनी, मुरब्बा, मक्खन और दूध पाउडर सहित मार्च- से अगस्त 2020 के दौरान 125 नए उत्पाद बाजार में लाए गए जबकि इससे पहले के छह माह में इस श्रेणी में केवल 93 उत्पाद ही बाजार में आए थे।