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मोदी सरकार का बड़ा फैसला, अब डिजिटल मीडिया पर भी रहेगी नजर

अब डिजिटल मीडिया पर नजर Now watch on digital media

अब डिजिटल मीडिया पर नजर

नई दिल्ली। डिजिटल मीडिया अब केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्रालय के अधीन आ गया है। केंद्र सरकार नेइस आशय का आदेश बुधवार को जारी कर दिया है। बता दें कि इस बारे में फैसला बीते सप्ताह मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया था।

सरकार के इस फैसले के लागू होने के बाद अब डिजिटल मीडिया भी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन और नियंत्रण में होगा। आदेश के अनुसार अब ऑनलाइन फिल्मों, ऑडियो-विजुअल कार्यक्रमों और ऑनलाइन समाचार और करेंट अफेयर्स (सम सामयिक) के कंटेट (सामग्री) सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत आएंगे।

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सरकार का यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। आदेश के अनुसार ऑनलाइन विषय-वस्तु प्रदाताओं द्वारा उपलब्ध कराए गए फिल्म और दृश्य-श्रव्य कार्यक्रम और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर समाचार और समसामयिक विषय-वस्तु सूचना मंत्रालय के अधीन आएंगे।

इनमें अब ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर न्यूज पोर्टल्स के साथ-साथ Hotstar, Netflix और Amazon Prime Video जैसे स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स भी शामिल रहेंगे।

बता दें कि इस आदेश से पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की वकालत करते हुए कहा था कि ऑनलाइन माध्यमों का नियमन टीवी से ज्यादा जरूरी है। इसके बाद ही सरकार ने ऑनलाइन माध्यमों से न्यूड़ या कंटेट देने वाले माध्यमों को मंत्रालयों के तहत लाने का कदम उठाया है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को रेगुलेट करने की जरूरत पर जोर दिया था। इस पर केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए मानक तय करने हैं तो पहले डिजिटल मीडिया के लिए नियम कानून बनाने होंगे।

अपनी इस बात के पीछे सरकार ने तर्क देते हुए कहा था कि इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के लिए पहले से गाइडलाइन बनी हुई हैं। सरकार ने ये भी कहा था कि डिजिटल मीडिया की पहुंच अधिक होती है और उसका असर भी कहीं ज्यादा होता है।

 

यहां हेट स्पीच को लेकर भी नियम बनाने के लिए सरकार ने जोर दिया है। बता दें, पिछले साल सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहती जिससे मीडिया की स्वतंत्रता पर कोई असर पड़े। उन्होंने ये भी कहा था कि प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ-साथ फिल्म्स पर जिस तरह का नियमन है, उसी तरह का कुछ नियमन ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म्स पर भी होना चाहिए।

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