योगी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में रैंकिंग सिस्टम लागू करने का फैसला किया है। प्रदेश के राजकीय व निजी तकनीकी संस्थानों में शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है।
वहीं यूपी स्टेट इंस्टीट्यूशनल रैकिंग फ्रेमवर्क के जरिए प्रदेश के तकनीकी संस्थानों की गुणवत्ता परखी जाएगी। इसी रैंकिंग के आधार पर संस्थानों को अनुदान दिए जाने की भी योजना है। यह जानकारी सचिव प्राविधिक शिक्षा आलोक कुमार ने ट्वीट के जरिए दी है।
आलोक कुमार ने ट्वीट में लिखा है कि नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क की तर्ज पर प्रदेश सरकार यूपी स्टेट इंस्टीट्यूशनल रैकिंग फ्रेमवर्क लागू करेगी। इसमें टीचिंग, लर्निंग, रिसर्च, ग्रेजुएशन आउटकम तथा वैश्विक स्तर पर संस्थान की भागीदारी को मूल्यांकन का आधार बनाया जाएगा। रैकिंग के आधार पर संस्थानों को अनुदान दिए जाने की भी योजना है।
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खास बात यह है कि यूपी में एसआईआरएफ के जरिए तकनीकी संस्थानों की गुणवत्ता को परखा जाएगा। ऐसे में यहां स्थिति संस्थानों की गुणवत्ता में इजाफा होगा।
इसके साथ ही संस्थान को अच्छी रैकिंग मिलने से यहां के कॉलेजों में एडमिशन लेने के प्रति छात्रों का रूझान भी बढ़ेगा। माना जा रहा है कि सरकार की यह एक शानदार पहल है। इससे छात्रों और संस्थान दोनों को ही फायदा होगा।