समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व कैबिनट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को एमपी एमएलए कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शुक्रवार को कोर्ट ने धोखाधड़ी के एक मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की ओर से दाखिल जमानत अर्जी को सशर्त मंजूर किया है।
कोर्ट ने गायत्री प्रजापति को 50-50 हजार की दो जमानतें व इतनी ही धनराशि का निजी बंधपत्र दाखिल करने का आदेश दिया है। साथ ही यह भी आदेश दिया है कि इस मुकदमे के विचारण के दौरान वो अनावश्यक स्थगन अर्जी नहीं दाखिल करेगा। इस मुकदमे के गवाहों पर किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाएगा। उन्हें प्रभावित भी नहीं करेगा। आरोप के स्तर पर सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रुप से उपस्थित रहेगा।
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बताते दें कि 17 सितंबर 2020 को गायत्री प्रजापति पर उसके पूर्व मैनेजर बृज भुवन चौबे ने गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई थी। गोमतीनगर विस्तार थाने में दर्ज इस एफआईआर के मुताबिक गायत्री प्रजापति, उसके बेटे अनिल प्रजापति ने बृज भुवन चौबे को धमका कर खरगापुर में उसकी पत्नी के नाम पर एक जमीन को चित्रकूट की एक महिला के नाम कराया था।
इस मामले में गायत्री प्रजापति के बेटे अनिल प्रजापति की भी गिरफ्तारी हुई थी। ये वही महिला थी जिसने गायत्री प्रजापति पर रेप की एफआईआर दर्ज कराई थी।
गायत्री पर आरोप लगा था कि रेप के मामले में अपने पक्ष में गवाही देने के लिए ये जमीन चित्रकूट की महिला के नाम पर की गई थी। चित्रकूट की इस महिला से रेप के मामले में ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 15 मार्च 2017 को गायत्री प्रजापति की गिरफ्तारी हुई थी। प्रजापति को तत्कालीन सपा सरकार का कद्दावर नेता माना जाता था।