लंदन। पिछले तीस सालों में पृथ्वी के चढ़ते तापमान का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां पर मौजूद टनों पिघल चुकी है। लंदन में स्थित लीड्स यूनिवर्सिटी के एक शोध में यह पता चला है कि पिछले तीन दशकों में पृथ्वी से 28 ट्रिलियन बर्फ पिघलकर पानी बन चुकी है। इतनी ज्यादा बर्फ से ब्रिटेन जितने क्षेत्रफल वाले देश को 300 फीट चौड़ी बर्फ की चादर से ढका जा सकता था।
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शोधकर्ताओं की इस टीम ने अपने शोध में पता लगाया है कि बर्फ पिघलने की सालाना दर साव 1994 के बाद 65 प्रतिशत तक बढ़ गई है। शोध में पता चला है कि इन तीन दशकों के दौरान उत्तरी और दक्षिण ध्रुव से पिघली बर्फ ने इस नुकसान को काफी हद तक बढ़ा दिया है। उपग्रह से मिली फोटोज में इस बात की जानकारी पूरी तरह से स्पष्ट हो चुकी है कि इस अवधि के दौरान 28 ट्रिलियन बर्फ हम खो चुके हैं। बर्फ पिघलने की वजह से समुद्र का जलस्तर तो बढ़ा ही है लेकिन साथ ही इंसानी बस्तियों के इसकी चपेट में आने से नुकसान भ्ज्ञी कुछ कम नहीं हुआ है।