मुजफ्फरपुर। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मुजफ्फरपुर जिले में आयोजित एक चुनावी सभा में रविवार को एक बार फिर विरोध का सामना करना पड़ा। सभा में मौजूद कुछ युवाओं ने ‘नीतीश कुमार मुर्दाबाद, तेजस्वी यादव जिंदाबाद’ के नारे लगाएं।
भड़के सीएम ने कहा कि आप लोग क्यूं मुर्दाबाद कह रहे हो, जिसका जिंदाबाद कह रहे हो उसको सुनने के लिए जाओ। नीतीश ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि मुझे मालूम है कि कुछ लोगों को ना कुछ ज्ञान है और ना कोई अनुभव है। हम समाज को एक करने में लगे हैं और वो समाज को फिर से बांटने में लगे हुए हैं।
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वह शनिवार को बेगूसराय के तेघड़ा विधानसभा सीट से जदयू प्रत्याशी के समर्थन में चुनावी सभा करने गए थे। हालांकि, इस दौरान वहां मौजूद कुछ लोगों ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के समर्थन में नारे लगाने शुरू कर दिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस पर बिफर उठे और नारे लगाने वालों को आड़े हाथ लिया।
राजद के समर्थन में नारेबाजी करने वालों को निशाने पर लेते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि जिनके लिए ऐसा कर रहे हो, उनके बारे में सभी को पता है। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद जनता से तालियां बजवाते हुए कहा, ‘देख लो, समझ में आ जाएगा, जिसके लिए कर रहे हो, ये लोग (जनता) पूरा जवाब दे देंगे और जिनके इशारे पर कर रहे हो उनका बुरा हाल कर देंगे।’
मांगने गए समर्थन मिला विरोध
गया के इमामगंज विधानसभा क्षेत्र से हम पार्टी के प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी जब अपनी समधन ज्योति देवी के लिए वोट मांगने बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे तो उन्हें स्थानीय जनता के विरोध का सामना करना पड़ा। जनता ने इस दौरान ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ के नारे लगाए। इसके साथ ही खाद्य-उपभोक्ता मंत्री और दरभंगा के बहादुरपुर विधानसभा के जदयू प्रत्याशी मदन सहनी का भी ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया।
वहीं, मधुबनी जिले के लौकाहा विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार और आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय को भी अपने क्षेत्र में ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा, जिसके बाद वह वहां से उल्टे पांव निकल पड़े। उधर, समस्तीपुर के कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र के जदयू उम्मीदवार और उद्योग मंत्री महेश्वर हजारी से भी ग्रामीणों ने जमकर बहस की। कला-संस्कृति मंत्री और मोतिहारी विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी प्रमोद कुमार का भी ग्रामीणों ने खूब विरोध किया।