कानपुर के बिकरू गांव में जुलाई में गैंगस्टर विकास दुबे के गुर्गों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या की जांच के लिए गठित एसआईटी (SIT) की सिफारिश पर नौ लोगों के खिलाफ अलग-अलग आरोपों में मामला दर्ज किया गया है।
अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव ने सोमवार को बताया कि चौबेपुर थाने में विकास दुबे के पिता राम कुमार दुबे, उसके भाई दीपक, उसकी भाभी अंजलि और उसके गुर्गों विष्णु पाल उर्फ जिलेदार, अमित उर्फ छोटे बउवा, दिनेश कुमार, रविंद्र कुमार, अखिलेश कुमार और आशुतोष त्रिपाठी के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शस्त्र लाइसेंस हासिल करने के आरोप में पिछले सप्ताह मामला दर्ज किया गया था।
इसके साथ उन्होंने बताया कि विकास दुबे की पत्नी ऋचा, उसके भाई दीपक दुबे, खुशी दुबे, राम सिंह, मोनू, आशुतोष त्रिपाठी, शांति देवी, रेखा अग्निहोत्री, विष्णु पाल उर्फ जिलेदार के खिलाफ दूसरे व्यक्तियों के पहचान पत्र के आधार पर मोबाइल सिम कार्ड हासिल करने के आरोप में भी मामला दर्ज किया गया है।
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कानपुर के पुलिस उपमहानिरीक्षक प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि इन गड़बड़ियों का खुलासा एसआईटी की जांच में हुआ है। एसआईटी ने इन मामलों में प्राथमिकी दर्ज करने की सिफारिश की थी। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के कानपुर के बिकरू कांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) ने यूपी सरकार को भेजी अपनी रिपोर्ट में 40 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की सिफारिश की है। इन 40 पुलिसकर्मियों में तत्कालीन एसपी (ग्रामीण) प्रद्युम्न सिंह, तत्कालीन सीओ (कैंट) राम कृष्ण चतुर्वेदी और वर्तमान सीओ (एलआईयू) सूक्ष्म प्रकाश के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
गौरतलब है कि गत दो-तीन जुलाई की रात कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र स्थित बिकरू गांव में माफिया सरगना विकास दुबे को गिरफ्तार करने गई पुलिस की टीम पर उसके गुर्गों ने घात लगाकर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं। इस वारदात में आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। इस मामले में विकास दुबे को 9 जुलाई को मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तार किया गया था। जबकि अगले दिन सुबह स्पेशल टास्क फोर्स के साथ हुई कथित मुठभेड़ में वह मारा गया था।