कानपुर में तैनात रहे अफसर अगर असलहा लाइसेंस की जांच समय से करते तो बिकरू कांड होने से बच सकता था। यह टिप्पणी असलहा लाइसेंसों की जांच का शासनादेश आने के बावजूद जांच न करने वाले अफसरों पर एसआईटी ने की है। साथ ही टीम ने तीन पीसीएस अफसरों पर कार्रवाई की संस्तुति भी की है।
जिले में बने 41 हजार असलहा लाइसेंसों में कई गलत तरीके से बने हैं तो कई अवैध हैं। शासन ने एक साल पहले ही आदेश भेजकर जिले के आला अफसरों से थानावार असलहा लाइसेंस की जांच कराने का आदेश दिया था। इसके बावजूद कानपुर के अफसरों शासन के आदेश पर गौर नहीं किया।
बिकरू कांड के बाद एसआईटी ने जांच की तो शासनादेश का भी जिक्र आया। पता चला कि शासन का आदेश दबा दिया गया और किसी ने जांच की ही नहीं। इसीलिए पूर्व एडीएम सिटी विवेक श्रीवास्तव, सिटी मजिस्ट्रेट रवि श्रीवास्तव और एसीएम पष्ठम अभिषेक सिंह के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है।
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बिकरू कांड के बाद शासन ने फिर से जिला प्रशासन को लाइसेंसों की जांच का आदेश दिया। डीएम के आदेश पर सिटी मजिस्ट्रेट हिमांशु गुप्ता ने जांच की तो पूरी पोल ही खुल गई। एडीएम सिटी अतुल कुमार ने बताया कि 41 हजार में से 22760 लाइसेंस की जांच हो गई है। इनमें से 3112 लाइसेंस संदिग्ध हैं। इसलिए एसआईटी जांच की संस्तुति करके शासन को भेज दिया गया है। फिर भी सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में टीम पूरे 41 हजार असलहों की जांच करेंगी। एक-एक फाइल का ब्योरा तैयार करेगी। बाकी नियुक्त एसआईटी अपने स्तर पर जांच करेगी।
उधर, जांच में पता चला है कि कई असलहा लाइसेंस की फाइलें बिना डीएम के हस्ताक्षर के ही स्वीकृत हो गईं। कई फाइलों में सिर्फ दो पन्ने हैं तो कई में दस्तावेज ही नहीं हैं। कई फाइलें मिल नहीं रही हैं। इन असलहा लाइसेंस धारकों और दोषियों पर जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई हो सकती है।