कानपुर। देश के बहु चर्चित कांड बिकरु (Bikru Kand) के दोषियों की अवैध संपत्ति बराबर सीज हो रही है। इसके साथ ही पुलिस विभाग तत्कालीन थानाध्यक्ष और बीच इंचार्ज की भी जांच कर रहा था। विभागीय जांच पूरी होने के बाद दोनों दोषी पाये गये और दोनों को बर्खास्त कर दिया गया है।
बता दें कि, चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव में दो और तीन जुलाई 2020 की रात कुख्यात अपराधी विकास दुबे (Vikas Dubey) अपने साथियों संग पुलिस टीम में हमला कर दिया था। हमले में तत्कालीन बिल्हौर सीओ देवेन्द्र मिश्रा सहित आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गये थे। इस बड़ी घटना से पूरा पुलिस विभाग दहल उठा था। हालांकि बाद में पुलिस ने भी विकास दुबे समेत छह लोगों को मुठभेड़ में मार गिराया था।
देश, प्रदेश को हिला देने वाली बिकरु कांड (Bikru Kand) की घटना में तत्कालीन चौबेपुर थानाध्यक्ष विनय तिवारी के साथ बीट इंचार्ज (हल्का) उप निरीक्षक केके शर्मा पर गैंगस्टर विकास दुबे (Vikas Dubey) से मिलीभगत का आरोप लगा था। इसमें दोनों पुलिस कर्मियों द्वारा विकास दुबे (Vikas Dubey) को पुलिस दबिश व कार्रवाई की सूचना पूर्व में दिया जाना भी शामिल हैं। इस मामले की जांच चल रही थी और विभागीय जांच में अब दोनों पर दोष सिद्ध हो गया है। इसके बाद दोनों की सेवाओं को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है।
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पुलिस महानिरीक्षक कानपुर रेंज प्रशांत कुमार ने बताया कि तत्कालीन थानाध्यक्ष विनय तिवारी और बीट इंचार्ज केके शर्मा पर जो आरोप लगे थे वह साक्ष्यों के साथ विभागीय जांच में सही पाये गये। इस आधार पर दोनों को बर्खास्त कर दिया गया है और जांच रिपोर्ट डीजीपी मुख्यालय को भेज दी गई है।
बताया कि जिस रात पुलिस टीम विकास दुबे (Vikas Dubey) को पकड़ने जा रही थी उस दौरान दोनों ने गैंगस्टर विकास दुबे (Vikas Dubey) को पहले ही दबिश की जानकारी दे दी थी।